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    अखिलेश दुबे ने BJP नेता से कहा- तुम मारे जाओगे:पिस्टल दिखाकर बोला- प्लॉट मुझे दे दो, पत्नी पर धोखाधड़ी की झूठी FIR कराई

    8 hours ago

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    कानपुर के अखिलेश दुबे ने BJP नेता और उनकी पत्नी पर फर्जी केस दर्ज कराए। फिर उनका प्लॉट कब्जा कर लिया। भाजपा ने बताया- अखिलेश दुबे ने अपने गुर्गों को मेरे पास भेजा। उन्होंने धमकाया और फिर फोन पर बात कराई। अखिलेश दुबे ने धमकी देते हुए कहा- विपिन बजाज मेरा आदमी है। उसके नाम प्लॉट कर दो। अगर प्लॉट विपिन के नाम नहीं हुआ तो अबकी बार तुझे रेप केस में फंसाकर जेल भिजवा दूंगा। मुझ पर पिस्टल तानकर कहा- प्लॉट के चक्कर में तुम मारे जाओगे। प्लाट हम लोगों को दे दो। मैंने जब प्लॉट उसके नाम नहीं किया तो उसने मेरे और मेरी पत्नी पर धोखाधड़ी का झूठा मुकदमा थाना गोविंद नगर में लिखा दिया। प्लॉट लिया तो अखिलेश दुबे धमकी देने लगा दबौली निवासी भाजपा नेता व अधिवक्ता मनोज सिंह ने बताया- मैंने कारोबारी रमेश कुमार बजाज से रतनलाल नगर में एमआईजी-20 प्लॉट खरीदा था। इसका बैनामा पत्नी डॉ. पूर्णिमा सिंह के नाम करवाया। इसके बाद रमेश कुमार का बेटा विपिन बजाज अपने साथी टोनू यादव के साथ मेरे पास आया। उसने मुझे धमकी दी, कहा- हम लोग अखिलेश दुबे से जुड़े हैं। अखिलेश दुबे ने कहा है कि प्लॉट विपिन के नाम कर दो। वरना मुकदमा दर्ज करवाकर जेल भिजवा देंगे। मैंने प्लॉट लिखने से इनकार कर दिया। इसके बाद अखिलेश दुबे ने अपने पुलिसिया रसूख का इस्तेमाल करते हुए विपिन बजाज से एक फर्जी, झूठे तथ्यों तथा बनाए गए साक्ष्यों के आधार पर थाना गोविंद नगर में एफआईआर दर्ज करवा दी। पुलिस ने मामले की जांच की तो सभी तथ्य झूठे पाए गए। मामले में फाइनल रिपोर्ट लगाकर केस को बंद कर दिया गया। अखिलेश बोला- तुम्हें मारने के बाद तो प्लॉट मिल जाएगा इसके बाद अखिलेश दुबे ने केस को प्रार्थना पत्र देकर दोबारा खुलवा दिया। 22 अप्रैल 2025 को कचहरी में टोनू यादव मुझे मिला। उसने कहा- अखिलेश दुबे की बात तुम्हें समझ नहीं आ रही। यहां से सुरेन्द्र चौहान के साथ उदय सेंगर के घर धनश्री अपार्टमेंट सिविल लाइन गया। वहां दीनू उपाध्याय उपाध्याय से मिला। दीनू के साथ रात 9 बजे से 11 बजे तक बात हुई। दीनू उपाध्याय ने अपने मोबाइल नंबर से अखिलेश दुबे को वॉट्सऐप कॉल करके बात कराई। अखिलेश दुबे ने मुझे धमकी दी। कहा- तुम्हारे मरने के बाद प्लॉट मिल ही जाएगा। अच्छा होगा कि जीते जी प्लॉट को विपिन के नाम कर दो। 25 अप्रैल 2025 को शाम 7:25 पर टोनू यादव ने अपने मोबाइल से अखिलेश दुबे से बात कराई। उसने फिर धमकी दी। मगर मैंने प्लॉट देने से इनकार कर दिया। इसके बाद अखिलेश दुबे, विपिन बजाज, टोनू यादव के साथ आपराधिक षडयंत्र करके झूठे साक्ष्य बनाकर, मुकदमा दर्ज करवा दिया। हत्या करने की धमकी दी। मनोज ने बताया- गोविंद नगर थाने में 18 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर इतनी गंभीर धाराओं में थी कि इसमें आजीवन कारावास तक की सजा का प्रवधान था। इस वजह से मनोज सिंह और उनका परिवार दहशत में आ गया, लेकिन वह अधिवक्ता होने के चलते पूरी लड़ाई को कानूनी तरीके से लड़े और उन्हें हर बार जांच में क्लीनचिट मिलती गई। अखिलेश दुबे के सिंडीकेट में पत्रकार, पुलिस, अपराधी और वकील मनोज ने बताया- अखिलेश दुबे अलग टाइप का माफिया है। ये लोगों का चरित्र हनन करता है। इसके सिंडीकेट में पत्रकार, पुलिस, अपराधी और वकीलों का बहुत बड़ा नेक्सेस है। यूपी ही नहीं यूपी के बाहर भी उसका सिंडीकेट सक्रिय है। पुलिस से फंसवा भी देता है। मानसिक दबाव बनाने के लिए कुछ भी करता है। तो ये बड़ा खतरनाक है और इसके कई तरह के अपराध हैं। इन्हीं के दम पर अखिलेश दुबे ने संपत्तियां बना लीं। इसके पास दो से ढाई हजार करोड़ की संपत्तियां हैं। अभी तो तमाम गुमनामी संपत्तियां होगी। इसकी पूरे देश में संपत्तियां हैं। गोवा में इसकी बिल्डिंगें बन रही हैं। पूणे में इसका कारोबार है। छत्तीसगढ़ में इसका होटल है। उत्तराखंड भीमताल में 100 कमरों का रिसॉर्ट है। इसके सिंडीकेट में शूटर टायशन, चांद बाबा जैसे लोग भी हैं। ये कानपुर शहर के बड़े अपराधी हैं। इन सभी ने मिलकर ही पिंटू सेंगर मर्डर केस को अंजाम दिया था। ये सभी अखिलेश दुबे के लिए काम करते हैं। अखिलेश दुबे तो कई तरीके से लोगों पर हमला करता है। शूटरों से भी मरवा देता है, गोली मरवा देता है। नोएडा के बिल्डर पर झूठी FIR, 9 करोड़ वसूले मनोज सिंह ने बताया- 3 फरवरी 2022 को किदवई नगर थाने में एक FIR लूट, डकैती, अपहरण समेत अन्य गंभीर धाराओं में दर्ज होती है। यह झूठा केस नोएडा के एक बिल्डर के खिलाफ था। पुलिस उसे नोएडा से उठा लाती है इसके बाद उसे छोड़े जाने के एवज में 9 करोड़ रुपए वसूले जाते हैं। वसूली होने के बाद उसे छोड़ दिया जाता है। वादी का अता-पता नहीं है। इस एफआईआर की जांच हो जाए तो वादी का पता भी नहीं चलेगा। हर केस में यही होता है। पीड़ित पर केस होता और वादी लापता हो जाते हैं।
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