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    बैंक मैनेजर ने धोखाधड़ी कर बीएमडब्ल्यू कार खरीदी:20 गाड़ियों का फर्जी लोन कराया, लखनऊ में एसटीएफ ने उठाया तो खुला राज

    7 hours ago

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    लखनऊ में फर्जी दस्तावेजों के जरिए लोन कराकर धोखाधड़ी करने वाले गैंग का सरगना यूनियन बैंक का ब्रांच मैनेजर है। इसी की मदद से गैंग ने अब तक 20 से ज्यादा कारों का लोन कराकर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी की है। उनके पास से BMW समेत 4 लग्जरी कारें बरामद हुई हैं। 2 सौ से ज्यादा कूटरचित दस्तावेज मिले हैं। STF का मानना है कि उनके जरिए गैंग ने गोल्ड और मुद्रा लोन लिए हैं। STF इसकी जानकारी जुटा रहा है। गैंग के सरगना और सदस्यों की संपत्तियों का विवरण भी खंगाला जा रहा है। STF ने इसके लिए ED और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को रिपोर्ट भेजी है। इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को जांच के लिए लैब भेजा है। इन सब की रिपोर्ट आने पर गैंग का पूरा विवरण सामने आएगा। गैंग सरगना और सदस्यों और उनके जालसाजी के तरीके को जानने के लिए भास्कर रिपोर्टर ने STF अधिकारियों से बातचीत की, तो यह जानकारी हासिल हुई। पढ़िए पूरी रिपोर्ट... पहले जानिए पूरा घटनाक्रम.... 2-3 लाख की लोन के लिए अप्लाई करने वाले का 24.8 लाख लोन हुआ लखनऊ के इनकम टैक्स कॉलोनी निवासी राज बहादुर गुरुंग को 2-3 लाख रुपए के लोन की जरूरत थी। वह इंद्रजीत सिंह के सम्पर्क में आए। इंद्रजीत ने उन्हें यूनियन बैंक के जानकीपुरम ब्रांच के मैनेजर गौरव सिंह से मिलवाया। लोन के नाम पर उनसे कई कागजों पर साइन करवाए गए। बाद में राज बहादुर के फोन पर ईएमआई का मैसेज आया तो पता चला कि उनके नाम से 24.8 लाख रुपए के दो लोन पास हुए हैं। एक 9.8 लाख का मुद्रा लोन और दूसरा 15 लाख का कार लोन। STF ने राज बहादुर गुरुंग की शिकायत पर 13 सितंबर को न्यू हजरतगंज अपार्टमेंट, ओमेक्स सिटी थाना सुशांत गोल्फ सिटी से बैंक मैनेजर गौरव सिंह, इंद्रजीत सिंह, नावेद हसन और अखिलेश तिवारी को गिरफ्तार किया। STF की छापेमारी में मिला ‘फ्रॉड हब’, बरामद हुईं कारें आरोपियों से इन चीजों की बरामदगी हुई। STF सूत्रों के मुताबिक, फ्लैट को ‘मिनी फ्रॉड ऑफिस’ में बदला गया था। यही से गैंग संचालित होता था। STF द्वारा पकड़े गए आरोपियों का प्रोफाइल जानिए... अब पढ़िए पूरा खेल... सबका काम बांटा गया था STF की जांच में खुलासा हुआ है कि इंद्रजीत ग्राहकों को लोन दिलाने के नाम पर फंसाता था। उसके बाद नावेद और अखिलेश फर्जी दस्तावेज तैयार करते थे। फर्जी दस्तावेजों के जरिए कंपनियों के नाम पर लोन अप्लाई करते थे। गौरव सिंह बैंक सिस्टम में लॉगिन करके लोन की फाइल अप्रूव करता था। रकम सीधे फर्जी कंपनियों के खातों में जाती थी। उसे निकालकर गिरोह के सदस्य आपस में बांट लेते थे। 20 से ज्यादा कारों का लोन कराया STF की जांच में खुलासा हुआ है कि इस गैंग ने अब तक 20 से ज्यादा कारों का लोन कराया था। STF इनका विवरण खंगाल रही है, ताकि पता चल सके कि इन लोन के जरिए कितनी रकम की धोखाधड़ी हुई है। STF अधिकारियों के मुताबिक, गौरव सिंह ने इस काले धन से BMW X1 जैसी लग्जरी कार खरीदी थी। रियल एस्टेट में निवेश किया है। जांच में आया है कि ठगी का सबसे ज्यादा पैसा यही रखता था। बाकी तीनों सदस्यों को प्रति केस के हिसाब से 20 प्रतिशत तक कमीशन के नाम पर पैसा लेता था। STF पूरे नेटवर्क की पड़ताल कर रही है STF ने ED और IT विभाग को आरोपियों के संबंध में रिपोर्ट भेजी है। बरामद डिवाइस की फॉरेंसिक जांच कराई जा रही है। STF अन्य बैंकों से भी डेटा मांगा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह गिरोह किन-किन ब्रांचों और शहरों में सक्रिय था। गवाहों और पीड़ितों के बयान लेकर पूरे नेटवर्क का चार्ट तैयार किया जा रहा है। पहले भी पकड़े गए थे ऐसे गैंग, लेकिन इस बार मामला बड़ा पिछले साल चारबाग और कानपुर में भी ऐसे रैकेट पकड़े गए थे, लेकिन इस बार बैंक मैनेजर के सीधे शामिल होने से यह केस सबसे बड़ा माना जा रहा है। STF का कहना है कि यह तो सिर्फ शुरुआत है, जल्द ही और बड़े नाम बेनकाब होंगे। STF की रिपोर्ट के बाद ED आरोपियों की संपत्ति अटैच कर सकती है। IT विभाग से भी ब्योरा मंगाया गया है। STF ने लोगों को सतर्क किया है कि बैंक में किसी भी दस्तावेज पर साइन करने से पहले उसकी पूरी जांच-पड़ताल करें। ----------------- खबर ये है... जाली पेपर से लोन कराने वाला बैंक मैनेजर गिरफ्तार:सहकर्मियों की ID से आवेदन पास करता था, लखनऊ से 3 साथी भी पकड़े गए यूपी STF ने साइबर फ्रॉड करने वाले यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच मैनेजर समेत चार बदमाशों को गिरफ्तार किया है। गिरोह लखनऊ समेत आस-पास के जिलों में कूटरचित दस्तावेजों और बैंक कर्मचारियों की आईडी हैक करके मुद्रा लोन और ऑटो लोन पास कराकर करोड़ों रुपए हड़प चुका है। (पूरी खबर पढ़िए)
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