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    बुलेटप्रूफ जैकेट पहनकर चलता था बलराम ठाकुर:गाजियाबाद पुलिस ने मार गिराया, 28 साल तक आतंक का पर्याय रहा, पिता सपन्न किसान थे

    7 hours ago

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    बलराम ठाकुर यही वह नाम है। जिसका वेस्ट यूपी से लेकर दिल्ली एनसीआर तक 28 सालों तक खौफ था। गाजियाबाद पुलिस ने शनिवार रात 8 बजे कुख्यात गैंगस्टर बलराम ठाकुर को एनकाउंटर में मार गिराया। बलराम पर 50 हजार रुपए का इनाम था। उसके खिलाफ गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, अलीगढ़ और रामपुर में 34 से ज्यादा केस दर्ज थे। इनमें हत्या, लूट, रंगदारी, अपहरण और फिरौती जैसे गंभीर अपराध शामिल हैं। पुलिस का कहना है कि कभी वह एक संपन्न किसान परिवार का बेटा था। पिता के पास 48 बीघा ज़मीन थी, घर में किसी चीज़ की कमी नहीं थी।लेकिन घरेलू झगड़े और रिश्तों की टूटन ने उसे अपराध की दुनिया में धकेल दिया। 1997 में पत्नी के घर छोड़ कर जाने और फिर साले की हत्या के बाद उसके जुर्म का सफर शुरू हुआ था। लोग तो यहां तक कहते हैं कि मां-बाप ने बहुत समझाया, पर बलराम ने किसी की नहीं सुनी। यही वजह रही कि पिता ने ज़मीन बेच दी, मां ने मुंह मोड़ लिया। बलराम बुलंदशहर, जहांगीराबाद के माया जाट गांव का रहने वाला था। वह दुजाना गैंग का सरगना था। पिछले 28 साल से वह वेस्ट यूपी में खौफ का दूसरा नाम बना हुआ था। उसका इतना खौफ था कि जो भी हत्याएं हुई उनमें लोग गवाही देने से भी कतराते थे। दैनिक भास्कर के साथ जानते हैं बलराम के गैंगस्टर बनने की कहानी। पढ़िए पूरी रिपोर्ट सबसे पहले देखिए 2 तस्वीरें- अब जानिए साले की हत्या से कुख्यात बनने की कहानी पिता थे संपन्न किसान, छोड़कर चली गई थी पत्नी बलराम ठाकुर के पिता श्याम सिंह, बुलंदशहर के जहांगीराबाद के एक संपन्न किसान थे। उनके नाम 48 बीघा जमीन दर्ज थी। वर्ष 1995 में उन्होंने अपने बड़े बेटे बलराम की शादी बुलंदशहर के खुदारिया गांव की एक महिला से कराई। लेकिन शादी के केवल पांच महीने बाद ही बलराम पर पत्नी के साथ मारपीट और दहेज उत्पीड़न का आरोप लगा, जिसके चलते उसके खिलाफ पहला मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद उसकी पत्नी उसे छोड़कर अपने मायके चली गई। वर्ष 1997 में बलराम ठाकुर ने अपने साले रामवीर खुदारिया निवासी की हत्या कर दी, जिसके बाद उसे जेल जाना पड़ा। जेल से छूटने के बाद बलराम लगातार आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहा। उसकी मां शर्मवीरी और पिता श्याम सिंह हमेशा उसके अपराधों का विरोध करते रहे। बलराम के अपराधों के चलते श्याम सिंह ने अंततः सारी जमीन बेच दी। वर्ष 2019 में बीमारी के कारण 78 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया। वर्तमान में बलराम की 75 वर्षीय मां और छोटा भाई नीरज जीवित हैं। नीरज ट्रक और कार चलाकर जीविका चलाता है। 50,000 रुपए के इनामी रहे बलराम ठाकुर के नाम अब न तो कोई जमीन है और न ही मकान। केवल 60 गज में बना एक पुराना मकान उसकी मां के नाम है, जिसमें वह अपने छोटे बेटे नीरज के साथ रह रही हैं 2023 में संभाली दुजाना गैंग की कमान एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि बलराम ठाकुर ने 1997 में अलीगढ़ के क्वारसी में साले की हत्या करने के बाद से अपराध की दुनिया में कदम रखा था। जेल से छूटने के बाद उसने लूट, रंगदारी और हत्याएं कर गैंग का दायरा बढ़ाया। मई 2023 में गैंग के मुखिया अनिल दुजाना के एनकाउंटर के बाद बलराम ने गैंग की कमान संभाल ली थी। उसने नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और बुलंदशहर में व्यापारियों से रंगदारी वसूली, अपहरण और हत्या जैसे संगीन अपराधों को अंजाम दिया। जुलाई में मसूरी के एक ट्रांसपोर्टर को अगवा कर दुजाना गांव में बंधक बनाकर लाखों रुपए और सोना वसूला गया था। जेल के सिपाही की कराई थी सुपारी किलिंग 2015 में बलराम ने बुलंदशहर जेल में रहते हुए सिपाही गोपाल की हत्या की सुपारी दी थी, जिसमें 70 हजार रुपए की रकम तय की गई थी। इसी गैंग ने 2010 में कविनगर में पेट्रोल पंप लूटा, मोहननगर में व्यापारी का अपहरण किया और मेरठ के लालकुर्ती में एक व्यापारी की हत्या कर दी थी। नोएडा में जून 2015 में सिपाही नितिन वर्मा और राजकुमार शर्मा की हत्या भी बलराम के इशारे पर कराई गई थी। यह था पूरा मामला शनिवार रात एनकाउंटर में मारा गया गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने शनिवार शाम 8 बजे अनिल दुजाना गैंग के बदमाश बलराम ठाकुर को एनकाउंटर में मार गिराया था। बलराम ठाकुर पर 50,000 का इनाम था। दो दिन पहले गाजियाबाद में मदन स्वीट और एक लोहा कारोबारी से 75 लाख की रंगदारी मांगी थी। एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि शनिवार शाम को सूचना मिली कि बदमाश बलराम ठाकुर वेव सिटी थाना क्षेत्र में अपने तीन साथियों के साथ कार से घूम रहा है। पुलिस ने घेराबंदी की तो चारों बदमाश फायरिंग करने लगे। बदमाशों ने करीब 10 राउंड फायरिंग की। पुलिस की गाड़ी पर 5 गोली लगी, जबकि 3 पुलिसवाले भी घायल हुए हैं। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी करीब 15 राउंड गोली चलाई। जिसमें बदमाश बलराम ढेर हो गया, जबकि उसके तीन साथी कार से उतर कर फरार हो गए। एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह और क्राइम ब्रांच स्वाट टीम प्रभारी अनिल राजपूत की टीम ने ये कार्रवाई की। घटना के जानकारी पर एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी भी मौके पहुंचे। 3 साथियों के साथ कार से जा रहा था बलराम पुलिस आयुक्त जे रविंदर गौड़ ने बताया- शनिवार शाम को क्राइम ब्रांच को सूचना मिली। बदमाश बलराम रंगदारी वसूलने के लिए आने वाला है। वह इस्टर्न पेरीफेरल के रास्ते से आ रहा है। इसके बाद टीम वहां पहुंच गई। बलराम कार से अपने तीन साथियों के साथ आता हुआ पुलिस को दिखाई दिया। पुलिस ने कार को रोकने का प्रयास किया तो बदमाश भागने लगे। पुलिस ने रघुनाथपुर अंडरपास के पास घेराबंदी की तो फायरिंग शुरू कर दी। एक गोली पैर, तो दूसरी सीने में लगी पुलिस ने भी जवाब में गोलियां चलाईं। इस दौरान बलराम ठाकुर को 2 गोली लगी। एक गोली घुटने में और दूसरी सीने में लगी। जबकि उसके तीन साथी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए। पुलिस ने उनकी तलाश में सर्च अभियान चलाया। मगर तीनों बदमाश नहीं मिले। पुलिस को घटनास्थल से एक रिवाल्वर और दो पिस्टल मिलीं। इसमें एक वेपन विदेशी है। करीब 2 से 3 दर्जन कारतूस मिले हैं। बदमाश जिस बलेनो कार से थे, वह दिल्ली नंबर की है। वहीं मुठभेड में तीन पुलिसकर्मी हेड कॉन्स्टेबल मनोज चौधरी, हेड कॉन्स्टेबल विशाल राठी और हेड कॉन्स्टेबल वरुण वीर सिंह घायल हुए हैं। जे रविंदर गौड़ ने बताया, बलराम पर 34 मुकदमे हैं। बदमाश ने जिस फोन से रंगदारी की मांग की थी। पुलिस ने उसे जब्त कर लिया है बलराम ने 3 दिन पहले कारोबारियों को धमकाया था खुद को कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना का गुरु बताने वाले बलराम ठाकुर ने 17 सितंबर को 2 कारोबारियों को फोन किया था। उसने कहा था- अगर पैसे नहीं दिए तो परिवार सहित गोलियों से भून दिया जाएगा। बलराम ने पहला वॉट्सऐप कॉल कविनगर थाना क्षेत्र के मदन स्वीट्स एंड रेस्तरां के मालिक ब्रह्मपाल यादव को शाम 7.56 बजे किया। कर्मचारी कुमकुम ने कॉल रिसीव की। तब बलराम ठाकुर कहा- एक दिन में 50 लाख रुपए का इंतजाम करना होगा। मैं अनिल दुजाना का गुरु बलराम ठाकुर हूं। बलराम ने कहा था- पैसे नहीं दिए, तो पिता को मार दूंगा इसके करीब 2 मिनट बाद सिहानी गेट थाना क्षेत्र के लोहा मंडी के कारोबारी अभिषेक गोयल को फोन किया। उनसे 25 लाख रुपए की रंगदारी मांगी। कहा- अगर पैसे नहीं दिए तो पिता और तुम्हारी गोली मारकर हत्या कर देंगे। इसके बाद अभिषेक गोयल ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। पुलिस ने मोबाइल नंबर को सर्विलांस पर लगाया। मई 2023 में यूपी एसटीएफ ने मेरठ में कुख्यात अनिल दुजाना को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। पुलिस ने बताया, बलराम ठाकुर पश्चिमी यूपी में कुख्यात था। उसने 1997 में अलीगढ़ के क्वार्सी में पहला मर्डर किया था। इसके बाद अलीगढ़ पुलिस ने बलराम ठाकुर को हत्या के मुकदमे में जेल भेज दिया। इसी साल जेल से छूटने के बाद उसने बुलंदशहर के जहांगीराबाद निवासी एक व्यापारी का अपहरण किया। फिर उससे फिरौती वसूली। पुलिस कमिश्नर गाजियाबाद की रविंदर गौड ने बताया कि कुख्यात बलराम ठाकुर ने पुलिस पर 10 राउंड फायरिंग की है। जिसमें पांच गोली पुलिस की सरकारी गाड़ी में लगी है। अभी तक के आपराधिक रिकार्ड में पता चला है कि बलराम ठाकुर पर बुलंदशहर, गाजियाबाद और पश्चिमी यूपी के अलग-अलग जिलों में 34 गंभीर मुकदमे दर्ज हैं। 2023 में हुआ था दुजाना का एनकाउंटर... मेरठ में यूपी STF ने मई 2023 में गैंगस्टर अनिल दुजाना (36) को एनकाउंटर में मार गिराया था। वह नोएडा के बादलपुर थाना क्षेत्र के दुजाना गांव का रहने वाला था। 3 साल से अयोध्या जेल में बंद था। कुछ समय पहले ही जमानत पर छूटा था। इसके बाद से फरार चल रहा था। दुजाना के खिलाफ 18 मर्डर समेत 62 से ज्यादा केस दर्ज थे। वह गिरोह बनाकर हत्या और लूट की वारदात करता था। दुजाना की गाड़ी से मिले थे कई हथियार मुठभेड़ के समय अनिल दुजाना सफेद रंग की स्कॉर्पियो में था। बताया जा रहा है कि वह बागपत अपनी ससुराल जा रहा था। तभी मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ ने उसे जानी भोला की झाल के पास घेर लिया। इसके बाद उसने एसटीएफ टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी फायरिंग में वह मारा गया। एनकाउंटर के बाद फोरेंसिक टीम ने जब उसकी गाड़ी की चेकिंग की तो उसमें से कई हथियार मिले। यूपी ही नहीं, दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में भी था आतंक दुजाना का आतंक पश्चिमी यूपी के अलावा दिल्ली, राजस्थान और हरियाणा में भी था। उस पर बुलंदशहर पुलिस ने 25 हजार और नोएडा पुलिस ने 50 हजार का इनाम रखा था। उस पर साल 2002 में पहला मामला गाजियाबाद के कविनगर थाने में हत्या का दर्ज हुआ था। दुजाना पर गाजियाबाद के हरबीर पहलवान की हत्या का आरोप था। 2011 में नोएडा के एक मामले में उसे 3 साल की सजा सुनाई गई थी। एनकाउंटर से एक हफ्ते पहले दर्ज हुए थे 2 मुकदमे जेल से बाहर आते ही दुजाना ने जयचंद प्रधान हत्याकांड में उसकी पत्नी और गवाह संगीता को धमकी दी थी। इसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ मई 2023 में ही 2 मुकदमे दर्ज किए थे। नोएडा पुलिस और यूपी STF अनिल दुजाना की गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी। ------------------ ये खबर भी पढ़िए अनिल दुजाना गैंग का बदमाश ढेर, 25 राउंड चलीं गोलियां:गाजियाबाद में 50 हजार का इनामी था, 2 कारोबारी से 75 लाख मांगे थे गाजियाबाद क्राइम ब्रांच ने अनिल दुजाना गैंग के बदमाश बलराम ठाकुर को एनकाउंटर में मार गिराया। बलराम ठाकुर पर 50,000 का इनाम था। दो दिन पहले गाजियाबाद में मदन स्वीट और एक लोहा कारोबारी से 75 लाख की रंगदारी मांगी थी। एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि शनिवार शाम को सूचना मिली कि बदमाश बलराम ठाकुर वेव सिटी थाना क्षेत्र में अपने तीन साथियों के साथ कार से घूम रहा है। पुलिस ने घेराबंदी की तो चारों बदमाश फायरिंग करने लगे। बदमाशों ने करीब 10 राउंड फायरिंग की। पुलिस की गाड़ी पर 5 गोली लगी, जबकि 3 पुलिसवाले भी घायल हुए हैं। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी करीब 15 राउंड गोली चलाई। जिसमें बदमाश बलराम ढेर हो गया, जबकि उसके तीन साथी कार से उतर कर फरार हो गए। एडीसीपी क्राइम पीयूष सिंह और क्राइम ब्रांच स्वाट टीम प्रभारी अनिल राजपूत की टीम ने ये कार्रवाई की। घटना के जानकारी पर एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी भी मौके पहुंचे। पूरी खबर पढ़िए
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