Search…

    Saved articles

    You have not yet added any article to your bookmarks!

    Browse articles

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    Top trending News
    bharathunt
    bharathunt

    हत्या के 6 महीने बाद भी इंसाफ का इंतजार:पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 24 चोटों की पुष्टि, पुलिस बता रही एक्सीडेंट, पीड़ित सीएम दरबार में करेगे शिकायत

    3 hours ago

    1

    0

    “मेरे बेटे की बेरहमी से हत्या की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। हत्या के 6 महीने बाद एडीजी के आदेश पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की। अब जब मेरे बेटे की हत्या के 10 महीने हो गए हैं तो पुलिस कह रही है कि ये एक्सीडेंट है। मेरी उम्र 75 साल है। मैं थाने और पुलिस अधिकारियों के चक्कर लगाकर थक चुका हूं। अब मैं मुख्यमंत्री के दरबार जा रहा हूं। शायद मुझ बुजुर्ग पर उन्हें दया आ जाए और मुझे इंसाफ मिल जाए।” ये कहना है बरेली के रहने वाले मुनीश कुमार शर्मा का। 21 दिसंबर 2024 की सुबह, सड़क किनारे पड़ा था शव जनपद बरेली के मोहल्ला शांति विहार कॉलोनी निवासी 25 वर्षीय अखिलेंद्र 20 दिसंबर की शाम अपने भाई अखिलेश के साथ साले के घर, ग्राम अवा, थाना जैतीपुर (शाहजहांपुर) गया था। लेकिन अगले ही दिन उसका शव ग्राम नौगंवा गोविंदपुर, तिलहर-दातागंज रोड के किनारे क्षत-विक्षत हालत में मिला। गांव वालों की सूचना पर पुलिस पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। शुरुआती जांच में पुलिस ने इसे एक्सीडेंट करार दिया। परिजनों ने उसी समय हत्या की आशंका जताई थी, लेकिन उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बड़ा खुलासा जब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई तो मामला पलट गया। रिपोर्ट में साफ लिखा था कि मृतक के शरीर पर 24 गंभीर चोटें थीं, जो हादसे से नहीं बल्कि जानबूझकर दी गई थीं। इतना ही नहीं, उसका प्राइवेट पार्ट भी काटा गया था। इस रिपोर्ट ने परिजनों के आरोपों को बल दिया कि अखिलेंद्र की हत्या की गई है। लेकिन इसके बावजूद पुलिस ने लंबे समय तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया। 6 महीने बाद एडीजी के आदेश पर दर्ज हुई FIR हत्या की घटना के 6 महीने बाद, 23 जून 2025 को एडीजी रमित शर्मा के आदेश पर थाना जैतीपुर, शाहजहांपुर में आखिरकार एफआईआर दर्ज हुई। परिजनों का आरोप है कि अगर एडीजी का आदेश न होता तो शायद पुलिस मामला ही दर्ज न करती। लेकिन रिपोर्ट दर्ज होने के बावजूद जांच आगे नहीं बढ़ी। पीड़ित पिता का कहना है कि पुलिस मामले को दबाने की कोशिश कर रही है और अब दावा कर रही है कि यह कोई हत्या नहीं, बल्कि एक्सीडेंट था। रिश्तों की रंजिश बनी वजह? पीड़ित पिता मुनीश कुमार शर्मा का आरोप है कि उनके बेटे अखिलेंद्र और उसी मकान में किराए पर रहने वाली महिला आशा (पत्नी वीरेन्द्र, निवासी बड़ा गांव, थाना आंवला, बरेली) के बीच संबंध बन गए थे। जब यह बात आशा के पति वीरेन्द्र को पता चली तो उसका अखिलेंद्र से विवाद हुआ। पिता के मुताबिक, वीरेन्द्र ने अखिलेंद्र को धमकी दी थी कि “मैं तुझे देख लूंगा।” इसके बाद से दोनों के बीच रंजिश गहरी हो गई थी। शिकायत में कहा गया है कि वीरेन्द्र ने अपने साथी प्रदीप (पुत्र राजकुमार शर्मा, निवासी झुकसा, दातागंज, बदायूं) और सुधांशु (पुत्र गिरीश चंद्र, निवासी झुकसा, दातागंज) को साथ मिलाकर हत्या की साजिश रची। इस साजिश में विजय (पुत्र नामालूम, निवासी आसफपुर, थाना फैजगंज बेहटा, बदायूं) भी शामिल था। परिजनों का आरोप है कि इन सभी ने मिलकर अखिलेंद्र की हत्या कर शव सड़क किनारे फेंक दिया और घटना को एक्सीडेंट का रूप देने की कोशिश की। पिता बोले—पुलिस हत्यारों से मिली हुई है 75 वर्षीय मुनीश कुमार शर्मा का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट हत्या की पुष्टि करती है, फिर भी पुलिस लगातार इसे हादसा बताने पर तुली हुई है। उनका आरोप है कि पुलिस हत्यारों के साथ मिली हुई है और जानबूझकर केस कमजोर किया जा रहा है। मुनीश कहते हैं- “अगर ये एक्सीडेंट होता तो 24 चोटें और प्राइवेट पार्ट काटे जाने का क्या मतलब है? पुलिस सब जानती है, लेकिन हत्यारों से मिली हुई है।” धमकियों और कब्जे का आरोप मुनीश कुमार ने आरोप लगाया कि हत्यारों ने न सिर्फ उनके बेटे को मारा बल्कि अब उनके गांव की जमीन और घर पर भी कब्जा कर लिया है। उन्हें लगातार धमकियां दी जा रही हैं। उनका कहना है- “आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। उन्होंने मुझे धमकी दी कि जिस तरह तेरे बेटे को मारा, वैसे ही तेरी भी हत्या कर देंगे।” 10 महीने बाद भी इंसाफ अधूरा घटना को अब 10 महीने बीत चुके हैं, लेकिन आज तक ना तो आरोपी गिरफ्तार हुए और ना ही मामले में कोई ठोस कार्रवाई हुई। मुनीश कुमार शर्मा रोज थाने और अधिकारियों के चक्कर लगाते रहे, लेकिन हर जगह उन्हें निराशा ही हाथ लगी। उम्रदराज होने की वजह से उनका स्वास्थ्य भी जवाब दे रहा है, लेकिन बेटे की मौत की सच्चाई सामने लाने के लिए वे अब भी जूझ रहे हैं। मुख्यमंत्री दरबार में आखिरी उम्मीद इंसाफ की तलाश में भटकते-भटकते थक चुके मुनीश कुमार शर्मा अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दरबार पहुंचे हैं। उनका कहना है कि- “शायद सीएम मेरी फरियाद सुन लें। मेरे बेटे के कातिलों को सजा मिले और मेरी बूढ़ी आंखें बंद होने से पहले मुझे इंसाफ मिल जाए।” अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री के दरबार में इस बुजुर्ग पिता की फरियाद सुनी जाती है या नहीं।
    Click here to Read more
    Prev Article
    ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लिफ्ट में फंसे 8 लोग:अजनारा होम्स में 15 मिनट तक दो फ्लोर के बीच अटकी रही लिफ्ट, बुजुर्ग महिला घबराई
    Next Article
    शाहजहांपुर में कार और बाइक की भीषण टक्कर:एक की मौत, दूसरा गंभीर रूप से घायल, कार चालक गन्ने के खेत में भागा

    Related न्यूज Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment