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    पंजाब में जहां राहुल नहीं पहुंच पाए, वहां भास्कर पहुंचा:लोग निराश, बोले- केवल नाव ही सहारा, गांधी से मिलने को वह भी नहीं भेजी गईं

    4 hours ago

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    गांव मकौड़ा पत्तन। यह पंजाब के गुरदासपुर जिले के कस्बे दीनानगर का वह गांव है, जहां का बीते सोमवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने दौरा किया। वह मकौड़ा पत्तन से दरिया पार बॉर्डर से सटे उन 7 गांवों में जाने वाले थे, जहां से पाकिस्तान बॉर्डर पास ही है। हालांकि, पंजाब पुलिस और जिला प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए उन्हें आगे नहीं जाने दिया। इसे लेकर राहुल गांधी ने अपनी सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए। दैनिक भास्कर एप की टीम ग्राउंड पर रियलिटी जानने के लिए उन गांवों तक पहुंची, जिन गांव में राहुल गांधी को नहीं जाने दिया गया। जानकारी के अनुसार, राहुल गांधी को मकौड़ा पत्तन से नाव से जाना था, जहां वह कजला गांव में लोगों से मिलने वाले थे। यह गांव बॉर्डर से करीब 4 किलोमीटर दूर है। यहां राहुल गांधी से मिलने गांव लसिआंण के लोग भी आने वाले थे। हम मकौड़ा पत्तन से नाव में बैठकर 7 किलोमीटर के दायरे में फैले हर उस गांव तक पहुंचे, जहां के लोग राहुल गांधी से मिलने वाले थे। यहां लोग निराश हैं। वह कहते हैं कि वे खुद राहुल से मिलने जाने वाले थे, लेकिन प्रशासन ने नाव ही नहीं भेजी। बता दें कि ये वे गांव हैं, जो इस वक्त बाढ़ के कारण पंजाब से एकदम कट चुके हैं। इन 7 गांवों तक पहुंचने का केवल नाव का सहारा बचा है। इन 7 गांवों में नहीं पहुंच पाए राहुल गांधी 7 गांवों के सफर में हम सबसे पहले बॉर्डर के सबसे करीब गांव लसिआंण तक पहुंचे। यह बॉर्डर से करीब 7 किलोमीटर दूर है। लसिआंण पठानकोट क्षेत्र का गांव है। इसके बाद हम तूर, चिब, भरियाल, कुकर, कजला और ममियां गांव तक पहुंचे और लोगों से बात की। लोगों ने बताया है कि उनके यहां आने की केवल एक सड़क थी, जो पानी में बह चुकी है। अब केवल नाव से ही यहां आया जा सकता है। लोगों को निराश इस बात की है कि उनका हाल जानने राहुल गांधी आने वाले थे, लेकिन उन्हें आने नहीं दिया गया। लोगों ने कहा कि उनके यहां कोई खतरा नहीं है। आसपास के सभी 7 गांवों में कोई क्रिमिनल भी नहीं है। गांवों में लोगों ने क्या-क्या बातें कहीं... सातों गांव में कोई भी क्रिमिनल नहीं, गांधी से नहीं मिलने दिया: गांव कजला के रहने वाले महिंदर सिंह ने बताया कि हमारे गांव का हर घर पानी में डूबा हुआ था। गांव में करीब 45 घर हैं और 140 लोग रहते हैं। उन्होंने कहा- हमारे 7 गांवों में कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं है, जो राहुल गांधी की सुरक्षा के लिए खतरा बन सके। यहां सभी लोग मिलकर रहने वाले हैं। यह पिछड़ा इलाका है। कोई भी नेता इधर नहीं आता। जिस नेता ने इधर आने की कोशिश की, उसे सुरक्षा का हवाला देकर दरिया पार ही रोक दिया गया। सुबह से शाम तक इंतजार किया, गांधी से नहीं मिल पाए गांव लसिआंण के रहने वाले रघुबीर सिंह ने बताया- हमारे पास पहले चेकिंग के लिए कुछ अधिकारी आए थे। उन्होंने हमारी बाइक सहित अन्य चीजें चेक कीं और हमें गांव से लेकर जाया गया कि राहुल गांधी से मुलाकात होगी। इसके बाद हम तैयार होकर राहुल गांधी से मिलने चले गए, लेकिन मिल नहीं पाए। रघुबीर सिंह ने बताया कि हमारे गांव से पाकिस्तान का बॉर्डर नजर आता है। रघुबीर सिंह ने कहा- मेरे परिवार की करीब 123 एकड़ जमीन बाढ़ के कारण प्रभावित हुई। थोड़ा सा बचा है। बाकी सारा बर्बाद हो गया है। 3000 हजार एकड़ फसल बर्बाद हुई रघुबीर सिंह बताते हैं कि उज्ज दरिया की मार से सातों गांव की करीब 3 हजार एकड़ से ज्यादा फसल खराब हुई है। इसका न तो अभी तक कोई मुआवजा मिला है और न ही कि किसी नेता ने पहुंचने की कोशिश की। राहुल गांधी से मिलने गए थे, पुलिस ने दरिया पार ही रोका लसिआंण गांव के फकीर सिंह ने बताया कि वह राहुल गांधी से मिलने के लिए गए थे, मगर उन्हें पुलिस ने आगे नहीं जाने दिया। फकीर सिंह ने कहा- हमारी राहुल गांधी के साथ मुलाकात नहीं हो पाई। शाम करीब 5 बजे हम बिना राहुल गांधी से मिले अपने गांव लौट आए। फकीर सिंह ने कहा- मिलना तो दूर की बात, किसी ने हमें पास तक नहीं जाने दिया। हमारी बाढ़ में करीब 10 एकड़ से ज्यादा जमीन प्रभावित हुई है। हमारा गांव बॉर्डर से करीब एक किलोमीटर ही दूर है। यहां राहुल गांधी आते तो अच्छा होगा। बख्शीश सिंह के घर में दो कमरे ही थे, दोनों गिरे राजपुर चिब गांव के रहने वाले 78 साल के बख्शीश सिंह ने बताया- मेरा घर 2 कमरे का था। एक कमरा पूरी तरह से गिर गया, दूसरे कमरे में बड़ी दरार आई है, जो कभी भी गिर सकता है। मेरे घर के अंदर तक पानी भरा हुआ था। जब घर गिरा तब मैं घर के बाहर वाले हिस्से में था। बख्शीश सिंह ने कहा- राहुल गांधी हमारे गांव तक नहीं आए, लेकिन हमने हमारी बात गांव के सरपंच को बताई थी। हमारे गांव के सरपंच राहुल गांधी से मिलने के लिए गए थे, लेकिन हमें नहीं जाने दिया गया। हमारे गांव में था राहुल गांधी का प्रोग्राम गांव बरियाल के रहने वाले राज कुमार ने बताया कि हमें राहुल से मिलने के लिए तैयार किया। फिर नाव हमें लेने नहीं आई। गांव में करीब 6 से 7 फीट तक पानी था। किसी को कुछ विपत्ति आ जाए तो नाव का इंतजार करना पड़ता है, क्योंकि अस्थाई तौर पर बनाया गया लकड़ी का पुल बाढ़ के कारण हटा दिया गया था। राहुल गांधी का प्रोग्राम हमारे गांव में था, लेकिन मकौड़ा पत्तन पर ही उन्हें पुलिस ने रोक दिया। राज कुमार के मुताबिक, उनके गांव में कुल 40 से 50 घर हैं। गांव में करीब 20 से ज्यादा घरों का ज्यादा नुकसान हुआ है। गांव में करीब 250 वोट हैं। उनका गांव दरिया किनारे से करीब 5 किलोमीटर दूर है। वहां से आगे मकौड़ा पत्तन तक नाव में जाना होता है। अब स्थिति ऐसी है कि अगर कोई गांव में ज्यादा बीमार हो जाए तो उसे नाव के जरिए मकौड़ा पत्तन और वहां से दीनानगर या गुरदासपुर ले जाने में काफी समय लगता है। राज कुमार के अनुसार, उनका 20 एकड़ जमीन का नुकसान हुआ है। उनके गांव के किसानों की करीब 400 एकड़ जमीन बर्बाद हुई है। लोगों के घर पहुंचकर नुकसान का आकलन कर रहीं संस्थाएं बता दें कि सातों गांव में 50 से ज्यादा घर ऐसे थे, जिन्हें भारी नुकसान हुआ है। किसी के घर की छत गिर गई, तो किसी का सारा घर की गिर गया। कई लोगों के घरों में दरारें आई हैं तो कई लोगों के घरों में 2-3 फीट तक गार जमी हुई है। ऐसे में गुरदासपुर सहित अन्य जिलों की संस्थाएं लोगों के घरों तक पहुंचकर नुकसान का आकलन कर रही हैं। इससे उनके घरों को ठीक करने के लिए आर्थिक मदद की जा सकेगी। गुरदासपुर से लोगों की मदद के लिए पहुंचे संत कबीर पब्लिक स्कूल के मेंबर लोगों के घरों में जा रहे थे और नुकसान के बारे में जानकारी ले रहे थे। लोगों की मदद के लिए पहुंचीं संस्थाओं के 2 PHOTOS... राहुल गांधी और पुलिस अधिकारियों के बीच हुई थी बहस बता दें कि सोमवार को राहुल गांधी जब गुरदासपुर में बाढ़ प्रभावित गांवों की ओर बढ़ रहे थे, तो पुलिस अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया। गुरदासपुर के SP जुगराज सिंह ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए कहा था कि आगे पाकिस्तान का बॉर्डर है और फेंसिंग टूटी हुई है। इस पर राहुल गांधी ने कहा था कि अगर हिंदुस्तान की टेरिटरी में ही उन्हें सुरक्षा नहीं मिल रही। पंजाब कांग्रेस के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने भी सवाल उठाते हुए कहा था कि अगर हिंदुस्तान में राहुल गांधी सुरक्षित नहीं हैं तो फिर कहां सुरक्षित होंगे? हालांकि, SP जुगराज सिंह ने बाद में साफ किया कि उन्होंने राहुल गांधी को रोका नहीं, बल्कि इलाके की दिक्कतों और सुरक्षा पैरामीटर्स की जानकारी दी थी।
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