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    सिरसा में विवादित हांडीखेड़ा बाबा की कहानी:कबाड़ी-हेयर ड्रेसर रहा, फिर झाड़-फूंक का काम चला; गांव में विरोध होने पर बाउंसर रखे

    2 hours ago

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    हरियाणा के सिरसा जिले के गांव हांडीखेड़ा में दरबार लगाकर झाड़-फूंक करने वाले बाबा संजय भगत की ग्रामीणों ने पुलिस में शिकायत दी है। इसमें आरोप है कि अंधविश्वास फैलाया जा रहा है। झाड़ा लगाने के नाम पर सरसों का तेल और हजारों रुपए लिए जा रहे हैं। कुछ दिन पहले राजस्थान के मेहंदीपुर के एक व्यक्ति ने भी बाबा के खिलाफ शिकायत दी, जिसमें कहा कि बाबा ने उपाय बताने के लिए पैसे लिए, लेकिन समस्या का हल नहीं हुआ। पुलिस बाबा को थाने ले गई। हालांकि, बाद में छोड़ दिया। सदर थाना प्रभारी सुखबीर सिंह ने बताया कि मेहंदीपुर के युवक ने पहले शिकायत दी थी। बाबा को थाने लाया गया। बाद में शायद बाबा से पैसे वापस मिल गए या समझौता हो गया तो शिकायत वापस ले ली। ग्रामीणों ने एक बार पहले शिकायत दी थी, फिर वापस ले ली थी। अब ग्रामीणों की दूसरी शिकायत आई हुई है, इसकी जांच करवाएंगे। जानिए, कैसे 2 साल से बाबा के पास भीड़ बढ़ी और विवाद भी... अब जानिए, कैसे विवादों में घिरा बाबा... राजस्थान के व्यक्ति की शिकायत के बाद नजर में आया... बाबा का दावा- 7 साल की उम्र से भक्ति कर रहा, काम सभी किए हांडीखेड़ा दरबार के बाबा संजय भगत का पक्ष जानने संपर्क किया तो बाबा ने कहा वह अभी बाहर है। हालांकि, फोन पर बात करने को तैयार हो गया। बाबा ने उल्टा ग्रामीणों पर षडयंत्र रचने का आरोप लगाया। कहा- ऐसे लोग न तो खुद भगवान का नाम लेते हैं और न किसी और को लेने देते हैं। ग्रामीण साबित करें कि मैं माहौल बिगाड़ रहा हूं। अगर मेरी वजह से किसी का नुकसान हुआ हो तो भरपाई को भी तैयार हूं। बालाजी की कृपा है, और कुछ नहीं। बाबा ने आगे कहा- काफी लोगों को आराम मिला है। एक व्यक्ति की शुगर की बीमारी ठीक हो गई और कई लोगों काे नशा छुड़वाया है। काम तो सभी किए हैं। खेतीबाड़ी से लेकर हेयर ड्रेसर व कबाड़ का काम। साथ में घर भी चला रहा हूं। घर चलाने के लिए काम करने पड़ते हैं। दरबार की जमीन भी सेवादार ने दी। किसी को पैसे नहीं दिए। ग्रामीणों का एक धड़ा बाबा के समर्थन में भी गांव हांडीखेड़ा में संजय भगत को लेकर ग्रामीण 2 धड़ों में बंटे दिखते हैं। विरोध करने वाले ग्रामीण कहते हैं- गांव वाले ज्यादातर इस बात से परेशान हैं कि झाड़-फूंक करवाने वाले लोग गाड़ियां लेकर आते हैं, जो किसी के घर के सामने या गली में इधर-उधर खड़ी कर देते हैं। दिनभर उनका नंबर नहीं आता। तब तक ये गाड़ियां वहां से नहीं हिलाते। इस कारण सभी को परेशानी है। वहीं, बाबा के समर्थन में भी कई लोग दिखते हैं। ये लोग बाबा को गांव में ही शरण देना चाह रहे। गांव में लोगों की पंचायत भी हुई थी, उसमें संजय भगत के आगे से ऐसा न करने के आग्रह पर मान गए थे। ऐसे में गांव से 2 किलोमीटर दूर दरबार लगाने पर सहमति बनी थी।
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