Search…

    Saved articles

    You have not yet added any article to your bookmarks!

    Browse articles

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    Top trending News
    bharathunt
    bharathunt

    यूपी में फर्जी बाबाओं का भंडाफोड़:पर्चा बनाने, सिक्का नचाने और पानी में लौंग डालने का ढोंग, पार्ट-1

    8 hours ago

    1

    0

    ऐसे कई केस सामने आ चुके हैं, जब भोले-भाले लोग इन ढोंगी बाबाओं के चक्कर में फंस गए। मान, प्रतिष्ठा, धन, व्यापार में बढ़ोतरी या बेटा पैदा होने का लालच देकर ये ठगी कर खूब रुपया कमा रहे हैं। यूपी में कोई पर्चा बनाने, कोई सिक्का नचाने तो कोई पानी में लौंग डालकर इलाज का ढोंग कर रहा है, जबकि पर्चा लिखने के पीछे न कोई धर्म है और न ही विज्ञान। इसलिए इस बाबा की ज्यादातर बातें गलत साबित हो रही है। ये बाबा पुलिस से बचकर दरबार चला रहा है। हाथों में मैग्नेट चिपकाकर सिक्का नचाने वाला बाबा भी ऐसे ही लोगों को ठग रहा है। पानी में लौंग डालकर पिलाने वाला बाबा तो हत्या की कोशिश का आरोपी है। इसके बावजूद ये बाबा रोज 5 से 9 घंटे दरबार लगाकर 200 से 400 लोगों से 50 हजार रुपए तक कमा रहे हैं। यानी 14-15 लाख रुपए महीने तक की मोटी कमाई कर रहे हैं। आखिर ये बाबा कौन हैं? अपना दरबार कहां लगाते हैं? ये कौन-कौन से काम का दावा करते हैं? लोगों को कैसे ठगते हैं? इन सवालों के जवाब के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने कुशीनगर, महराजगंज जिले के गांवों में 20 दिन तक इन्वेस्टिगेशन किया। पढ़िए, फर्जी बाबाओं का पूरा खुलासा... हमें स्थानीय सोर्स से जिन्नात बाबा उर्फ रियाजुद्दीन का पता चला। हम महराजगंज से 35 किमी दूर बिरैची गांव पहुंचे। जिन्नात बाबा के घर के बाहर बोर्ड लगा था। इस पर लिखा था- बाबा जिन्नात लोक कल्याणकारी ट्रस्ट। प्रो. रियाजुद्दीन बाबा। मकान के भीतर रियाजुद्दीन के पिता मिले। बोले- भाजपा और बजरंग दल वाले बाबा का दरबार कहां चलने देते हैं? इतनी बड़ी बिल्डिंग बन रही थी, तो प्रशासन ने काम रुकवा दिया। मुझे जेल भेज दिया। इसी हफ्ते जमानत पर बाहर आया हूं। मैं पता बता रहा हूं लेकिन किसी से बताना नहीं। वहां चले जाओ, वहीं दरबार लग रहा है। अब पढ़िए, रियाजुद्दीन उर्फ जिन्नात बाबा के दरबार का नजारा… रियाजुद्दीन उर्फ जिन्नात बाबा के पिता ने हमें बिरैची गांव से 10 किलोमीटर दूर कुशीनगर बॉर्डर से सटे छोटी गंडक नदी के किनारे घुघली बुजुर्ग श्मशान घाट भेजा। यहां कई कार और बाइक दिखीं। अंदर दरबार लगा था। 400 से अधिक लोग मौजूद थे। कुछ जमीन पर बैठे थे तो कुछ इधर-उधर अपनी हा​जरी लगवा रहे थे। पास में माता मंदिर भी था। यहां पहुंचते ही 2 लड़के हमारे पास आए और पूछा- क्या काम है? जब हमने दिखाने की बात की तो बोले- आप काफी लेट आए। यहां जो लोग सुबह 5 बजे आए, अभी उनका नंबर भी नहीं आया है। आप लोग तो 11 बजे आ रहे हैं। जब हमने पहले भी आने का हवाला दिया तो एक लड़के ने नाम-पता पूछकर हमारा नंबर लगा दिया। कहा- आप यहीं इंतजार करो। जाओ पहले अगरबत्ती, कपूर, लौंग और लोहबान लेकर आओ। हम ये सामान उनकी बताई दुकान से 70 रुपए में खरीदकर लाए। पुलिस से छिपकर श्मशान में पर्चा निकाल रहा रियाजुद्दीन श्मशान में रियाजुद्दीन के दरबार का माहौल अजीब था। यहां एक लड़का नंबर के मुताबिक लोगों को बुला रहा था। रियाजुद्दीन लोगों का पर्चा बना रहा था। इस दौरान वह लोगों के बारे में कुछ नहीं पूछ रहा था। पर्चा बनाने के बाद बोला- बताओ क्या समस्या है? जब लोग अपने बारे में बताते तो पर्चे में लिखी अधिकतर बातें गलत साबित हो रही थीं। अगर कोई ज्यादा सवाल करता तो बाबा के शिष्य यानी कि लड़के उसे रोक देते। यहां 10-12 लड़के आसपास खड़े होकर बाबा की सिक्योरिटी कर रहे थे। रियाजुद्दीन लोगों पर छड़ी घुमाकर झाड़फूंक भी कर रहा था। कई बार मां काली से बात करने का ढोंग भी करता। भोजपुरी में गाना गाकर मां काली से सवाल पूछता और फिर ​खुद ही आवाज बदलकर जवाब देता। पहले 3 बार दरबार में आकर हाजिरी लगाओ रियाजुद्दीन किसी को 3 बार दरबार में हाजिरी लगाने को कहता तो किसी को कुछ और इलाज बताता। फिर बाबा के बगल में बैठा लड़का 51 रुपए फीस जमा कराता और लोगों द्वारा लाए अगरबत्ती, कपूर, लौंग और लोहबान रख लेता। 5 घंटे इंतजार के बाद हमारा नंबर आया। बाबा ने कागज पर हमारा पर्चा बनाया और बातचीत की… हाजिरी लगाओ... मां काली खुद बताएंगी- कैसे ठीक होगा जिन्नात बाबा: क्या नाम है? कहां से आए हो? रिपोर्टर: अशोक वर्मा, गोरखपुर से (बदला हुआ नाम)। जिन्नात बाबा: क्या समस्या है? रिपोर्टर: बाबाजी, हम थोड़े परेशान चल रहे हैं। जिन्नात बाबा: तुम्हारी आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। नौकरी नहीं लग रही है, जो काम सोचते हो वो कभी पूरा ही नहीं होता। रिपोर्टर: बाबाजी, बात यह नहीं है। बात ऐसी है… जिन्नात बाबा (बात काटते हुए) : चुप रहो। मैं सब पहले ही लिख दिया हूं। रिपोर्टर: बाबाजी, शराब की आदत लग गई है। जिन्नात बाबा: पहले 3 बार दरबार में आकर हाजिरी लगाओ। फिर आगे की समस्या बताना। रिपोर्टर: बाबाजी, कैसे ठीक होंगे फिर हम? जिन्नात बाबा: मैंने बताया न, पहले 3 बार हाजिरी लगाओ। फिर मां काली खुद बताएंगी- कैसे ठीक होगा? रिपोर्टर: ठीक है, बाबाजी। अब समझते हैं बाबा की कमाई का गणित रियाजुद्दीन के दरबार में हमसे 51 रुपए फीस ली गई। यहां अगरबत्ती, कपूर, लौंग और लोहबान पास की दुकान से मंगाया, जो 70 रुपए का आया। इसे जलाने नहीं दिया, रियाजुद्दीन के यहां काम करने वाले लड़कों ने रख लिया। इसे ये दुकान पर वापस करके रुपए ले लेते हैं। यानी रियाजुद्दीन एक व्यक्ति से 121 रुपए कमा रहा है। जिस दिन हम दरबार में गए वहां उसने 5 घंटे में करीब 400 लोगों का पर्चा बनाया। इस हिसाब से उसने एक दिन में 48,400 रुपए कमा लिए। रियाजुद्दीन लोगों से ऐसे ही ठगी कर एक महीने में 14.52 लाख रुपए की मोटी कमाई कर रहा है। अब हम कुशीनगर से 40 किमी दूर कोहरगड्डी गांव पहुंचे। कुछ दूर चलने पर सड़क किनारे बोर्ड मिला। इस पर लिखा था- आपके शहर में बाबा चमत्कारी अजमेर वाले। बाबा समीर साहब। मिलने का दिन- रविवार, मंगलवार और गुरुवार। नोट- घर में तरह-तरह की आवाज आना, नौकरी में दुश्वारी, औलाद का न होना, खिला-पिलाकर मत मारा हुआ, भूत-प्रेत का साया, चर्म रोग का इलाज, शराब से छुटकारा, रूहानी-जिस्मानी का दुआ द्वारा गारंटी के साथ इलाज किया जाता है। इस बोर्ड के ठीक बगल से 4 घरों के बीच एक पतला कच्चा रास्ता दिखा। अंदर खेतों के बीच अधूरा बना मकान मिला। घर के बगल में बड़े खाली हिस्से में टीनशेड बना है। टीनशेड में तीनों दीवारों पर चमत्कारी बाबा के बड़े-बड़े बैनर लगे मिले। यहां मौजूद महिला से पूछने पर पता चला कि बाबा कहीं गए हैं। बैनर पर छपे नंबर पर फोन कर बात कर लीजिए। फोन करने पर बाबा ने पूछा- कहां से आए हो और क्या समस्या है? जवाब देने पर कहा- वहीं कुछ देर बैठिए, मैं आ रहा हूं।’ आधे घंटे इंतजार के बाद 35-40 साल का व्यक्ति सफेद शर्ट और ग्रे जींस पहनकर आया... चमत्कारी बाबा बोला- काम हो जाने पर मेरा मेहनताना देना होगा चमत्कारी समीर बाबा: बताइए, क्या समस्या है? रिपोर्टर: बाबाजी, शराब की आदत पड़ गई है। रोज सोचते हैं- नहीं पिएंगे, लेकिन फिर अगले दिन पी लेते हैं। चमत्कारी समीर बाबा: नाम बताओ अपना? रिपोर्टर: अशोक वर्मा (बदला हुआ नाम) चमत्कारी समीर बाबा: माता-पिता का नाम बताओ? रिपोर्टर: सुरेंद्र और सुमन (बदला हुआ नाम) चमत्कारी समीर बाबा: (मोबाइल पर हमारा फोटो क्लिक करने के बाद) : दारू पी रहे हो। कमाई में बरकत नहीं हो रही है। पैसा कमा रहे हो लेकिन पता नहीं चल रहा है। पैसा फंस जा रहा है। रिपोर्टर: नींद में सोते टाइम भी डर जाते हैं। झटका महसूस होता है। चमत्कारी समीर बाबा: किसी का किया हुआ है। तुम्हारे घर में जिन्नात और खब्बीस है। रिपोर्टर: बाबाजी, क्या करना होगा? चमत्कारी समीर बाबा: 3 दिन का पानी बनाकर दे रहा हूं। 3 दिन पीयो। इसके बाद ताबीज बनाकर दूंगा। फिर तुम्हारे घर चलूंगा और जो किया हुआ है, उसको बांध दूंगा। फिर सब ठीक हो जाएगा। रिपोर्टर: बाबाजी, कितना पैसा लगेगा? चमत्कारी समीर बाबा: जो सामान का पैसा लगेगा, वो दे देना। काम हो जाने पर मेरा मेहनताना देना होगा। रिपोर्टर: ठीक है बाबाजी। अभी क्या करना होगा? चमत्कारी समीर बाबा: 3 बोतल पानी और लौंग लेकर आओ। पानी बनाकर देता हूं। रिपोर्टर: इसके बाद ठीक हो जाएगा न, बाबाजी? चमत्कारी समीर बाबा: हां, पूरी गारंटी के साथ। आज तक… मेरे पास कोई ऐसा नहीं आया है, जिसका काम न हुआ हो। बोतल में लौंग डालकर आयतें पढ़ीं, रुपए मांगने लगा चमत्कारी समीर बाबा ने पानी की 3 बोतल और लौंग मंगाया। हमने बोतल के 60 रुपए और लौंग के 30 रुपए दिए। बाबा ने तीनों बोतलों के ढक्कन खोलकर उसमें कुछ लौंग डाले और बाकी अपने पास रख लिए। फिर आयतें पढ़ने का ढोंग करने के बाद बोतल हमें देते हुए कहा- 3 दिन ये पानी पीना, बीमारी दूर हो जाएगी। जब वहां से हम जाने लगे तो बाबा रुपए मांगने लगा। हमने कहा- आकर देंगे। समीर बाबा ऐसे ही रोज 200 से ज्यादा लोगों के साथ करता है। इनसे 50 से 100 रुपए लेता है। यानी 3 से 5 लाख रुपए महीना कमा रहा है। हमें कुछ लोगों से कुशीनगर जिले के सुरेंद्र साहनी का विजिटिंग कार्ड मिला। जिस पर लिखा था– उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त। प्रियदर्शी राही मेमोरियल चैरिटेबल ट्रस्ट कुशीनगर द्वारा संचालित नि:शुल्क नशा मुक्ति केंद्र। नोट : पथरी एवं अन्य बीमारियों का इलाज दवा और दुआ के साथ किया जाता है। जब हमने पता किया तो इस तरह का कोई नशा मुक्ति केंद्र संचालित नहीं मिला। कुशीनगर जिले के​ जिस जगह पर सुरेंद्र साहनी का दरबार लगता है, वह जगह कप्तानगंज से 14 किलोमीटर दूर पचफेड़ा खानू छपरा है। यहां पहुंचने पर रोड किनारे बड़ा मकान मिला। यहां काफी भीड़ थी। रोड के दूसरी तरफ खाने-पीने की दुकानें थीं। पूछने पर पता चला कि सभी दुकानें बाबा की हैं। जिस वक्त हम सुरेंद्र साहनी के दरबार में पहुंचे, वहां 200 से अधिक लोग थे। अंदर गए तो एक स्थान पर भीड़ लगी थी। हम भी भीड़ में घुस गए। यहां लोग अपने घर से अक्षत (चावल) और 2 सिक्के लेकर आए थे। लोगों के हाथ से चावल लेते ही सुरेंद्र साहनी उसे जमीन पर गिरा देता और दोनों सिक्कों को पहले आपस में कई बार ठोंकता। फिर आपस में चिपक जाने के बात कहते हुए दिखाता। लोगों से उनकी समस्याएं पूछता और इलाज बताकर अलग-अलग दिनों में बुलाता। किसी को बोलता- पूजा करानी पड़ेगी तो किसी को बोलता- मैं खुद घर आकर इलाज करूंगा। सुरेंद्र साहनी बीमार लोगों का इलाज झाड़-फूंक से कर रहा था। वह मरीजों का हाथ पकड़कर उठक-बैठक कराता। उनके शरीर पर पहले हाथ से और फिर छड़ी से मारता। इसके बाद बोलता- जाओ दर्द ठीक हो गया। यह सब कुछ हमने 2 घंटे तक देखा। इस बीच हम सुरेंद्र साहनी के करीब पहुंच गए। जब उन्होंने हमें देखा तो बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ... बाबा बोला- चुप रहो… हम बताएंगे और हम ही ठीक करेंगे बाबा सुरेंद्र साहनी: क्या नाम है, कहां से आए हो? रिपोर्टर: अशोक वर्मा, गोरखपुर से (बदला हुआ नाम)। बाबा सुरेंद्र साहनी: किसके साथ आए हो? रिपोर्टर: बाबाजी, एक मित्र के साथ आया हूं। बाबा सुरेंद्र साहनी: परिवार से कोई साथ आएगा, तभी तुम्हारा काम हो पाएगा। रिपोर्टर: बाबाजी, बहुत परेशान हैं… देख लेंगे तो अच्छा होगा। बाबा सुरेंद्र साहनी: चलो इतना देख लेता हूं, समस्या क्या है? रिपोर्टर: ठीक है, बाबाजी। बाबा सुरेंद्र साहनी: अक्षत और ​सिक्के लाए हो? रिपोर्टर: सिक्के तो हैं लेकिन अक्षत नहीं है। बाबा सुरेंद्र साहनी (दोनों सिक्कों को आपस में चिपकाकर नचाते हुए) : कोई भी काम करते हो बर्बाद हो जाता है। करोड़ों रुपया लगाकर कोई बिजनेस करोगे तो डूब जाएगा। जो करोगे, हर काम में असफलता मिलेगी। रिपोर्टर: बाबाजी, शराब की आदत हो गई है। नहीं छूट रही है। बाबा सुरेंद्र साहनी: समस्या ठीक कराओगे? शराब छोड़नी है? रिपोर्टर: जी, बाबाजी। बाबा सुरेंद्र साहनी: पक्की बात है न? ठीक कराओगे? रिपोर्टर: जी, बाबाजी। बाबा सुरेंद्र साहनी: ठीक है। बृहस्पतिवार को अपने घर से अक्षत (चावल) और परिवार से किसी को लेकर आओ। ठीक कर दूंगा। रिपोर्टर: बाबाजी, पैसों की दिक्कत है। पैसा फंस जा रहा है। बाबा सुरेंद्र साहनी: चुप रहो। सब तुम क्यों बता रहे हो? अब हम बताएंगे और हम ही ठीक करेंगे। पूजन में 50 हजार का खर्च बताया बाबा सुरेंद्र साहनी के दरबार में 200 लोगों की भीड़ मिली। यहां ये उठक-बैठक लगवाकर और डंडे से मारकर शराब छुड़ाने से लेकर कैंसर तक के इलाज का दावा कर रहा है। इसके अलावा सभी से पूजा कराने के लिए बुकिंग करने का बार-बार आग्रह भी किया जा रहा है। बाबा के साथियों के मुताबिक 50 हजार रुपए खर्च तक की पूजा की जाती है। यदि बाबा रोज एक पूजा भी कराता है तो महीने के 15 लाख रुपए कमा रहा है। पढ़िए, क्या बोले मनोवैज्ञानिक- सिर्फ विशेषज्ञ कर सकता है सही समाधान गोरखपुर के सेंट एंड्रयूज डिग्री कॉलेज में मनोविज्ञान विभाग की प्रोफेसर श्वेता जॉनसन का कहना है कि बाबा-तांत्रिक के पास जाने से पहले लोगों को डॉक्टर या मनोवैज्ञानिक के पास जाना चाहिए। किसी भी तरह की समस्या का समाधान उसके संबंधित विशेषज्ञ से कराना सही होता है। विज्ञान क्या कहता है? एक्सपर्ट से जानिए… दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के फिजिक्स डिपार्टमेंट के प्रोफेसर प्रभु नाथ ने बताया- मैग्नेटिक फ्रीक्वेंसी की वजह से सिक्के एक-दूसरे से चिपक जाते हैं। जैसे हाथ में मैग्नेट अंगूठी पहनने पर एक सिक्का, दूसरे सिक्के से चिपक जाता है। इसके साथ ही फिजिक्स की इलेक्ट्रिक थ्योरी भी काम करती है, लेकिन ये इतना हार्ड नहीं होता कि सिक्के को 5 से 6 बार एक-दूसरे पर मारने के बाद आपस में चिपककर नाचने लगे। अंधविश्वास फैलाने पर कानून क्या कहता है? सीनियर एडवोकेट रविशंकर पांडेय का कहना है- सिर्फ तांत्रिक-बाबा ही नहीं, बल्कि कोई भी व्यक्ति अगर किसी को विश्वास में लेकर कोई गलत काम करता है और नीयत खराब होती है तो इस तरह के मामलों में अमानत में खयानत की धारा IPC 406 लगती है, जो अब भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 316 के तहत आती है। दोनों ही धाराओं में विश्वासघात करने वाले व्यक्ति को तीन साल तक के कारावास, जुर्माने या दोनों से दंडित करने का प्रावधान है। ADG बोले– शिकायत मिली तो लेंगे कड़ा एक्शन -------------------- भास्कर इन्वेस्टिगेशन की ये खबरें भी पढ़ें- यूपी में कैमरे पर लाशों का सौदा:पोस्टमॉर्टम कर्मचारी-पुलिस की डील, बोले- एक लाश डेढ़ लाख में 'महीने में 30 से 40 लाशें निकल जाती हैं। आप बहुत कम दे रहे हैं। अभी पुराना रिकॉर्ड देखा जाए… उस समय डेढ़ लाख का रेट चल रहा था। राममूर्ति वाले डेढ़ लाख रुपए देकर जाते थे।' यह दावा है बरेली के पोस्टमॉर्टम हाउस के कर्मचारी सुनील का। यूपी के बरेली में लाशों का सौदा हो रहा है। दैनिक भास्कर के हिडन कैमरे पर सुनील कह रहा है- जो पैसे आप हमें दोगे, हम तो नमक के बराबर रखते हैं। बाकी पैसे ऊपर अधिकारी को देने पड़ते हैं। लाशों के इस सौदे में पुलिस भी शामिल है। पढ़ें पूरी खबर यूपी में दांत-हड्डी के डॉक्टर उगा रहे बाल:दो मौतों के बाद भी जान से खिलवाड़, जज-अफसरों का भी हेयर ट्रांसप्लांट पॉलिटिशियन, जज, एसीपी, डीसीपी समेत कई अफसरों के बाल लगाए हैं। डरने की कोई बात नहीं, महीने में 30 से 40 केस करते हैं। ये दावा है हड्डियों के डॉक्टर वीके सिंह का। यूपी में ये हाल तब है, जब कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट के बाद 2 लोगों की मौत हो चुकी है। दैनिक भास्कर ने कानपुर में एक महीने तक 10 क्लिनिक और अस्पतालों की सर्चिंग की। इनमें सामने आया कि डेंटिस्ट, हड्डियों के डॉक्टर और ब्यूटीपार्लर चलाने वाले कस्टमर फंसा रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर
    Click here to Read more
    Prev Article
    10 शहरों में जोरदार बारिश, 65 जिलों में अलर्ट:लखनऊ में रातभर बरसात, अयोध्या एयरपोर्ट की छत टपकी; श्रावस्ती में स्कूल बंद
    Next Article
    हमीरपुर जेल में विचाराधीन बंदी की मौत:परिवार ने शव लेने से किया इनकार, एफआईआर और मुआवजे की मांग

    Related न्यूज Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment