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    16 साल का छात्र 3 लोगों को देगा नई जिंदगी:किडनी-लिवर जयपुर के SMS हॉस्पिटल भेजा गया, हार्ट का चेन्नई जाना कैंसिल

    4 hours ago

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    अजमेर में 9वीं कक्षा के छात्र के अंगदान (ऑर्गन डोनेशन) से 3 लोगों को नया जीवन मिलेगा। 2 किडनी और लिवर को ग्रीन कॉरिडोर के जरिए जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल भेजा गया है। डॉक्टरों की टीम जेएलएन अस्पताल से एसएमएस के लिए रवाना हो गई है। इन अंगों को ग्रीन कॉरिडोर के जरिए कड़ी सुरक्षा में ले जाया रहा है। रविवार रात को ही जयपुर के एसएमएस हॉस्पिटल और चेन्नई के डॉक्टरों की टीम जेएलएन हॉस्पिटल पहुंच गई थी। छात्र की जांच पूरी की गई है। अस्पताल प्रशासन, पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं। पहले हार्ट को चेन्नई ट्रांसप्लांट करने का प्रोग्राम था, लेकिन चेन्नई की दूरी ज्यादा होने के कारण हार्ट को ट्रांसफर नहीं किया जा सका। छात्र के परिवार को विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने माला पहनाकर सम्मानित किया। अस्पताल प्रशासन ने बॉडी को परिवार को सौंप दिया। फूलों से श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी ने "दुर्गा शंकर अमर रहे" के नारे लगाए और गार्ड ऑफ ऑनर दिया। अचानक बेहोश हुआ, डॉक्टर बोले- ब्रेन डेड हो चुका भावुक पिता जवान राम गुर्जर ने बताया कि मेरा बेटा, दुर्गा शंकर (16), 9वीं कक्षा में पढ़ता था। मंगलवार (16 सितंबर) को सिर दर्द होने पर वह अचानक बेहोश हो गया था। इसके बाद, वे उसे केकड़ी से जेएलएन अस्पताल, अजमेर लेकर पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उनका बेटा ब्रेन डेड हो चुका है। शनिवार को ही परिवार ने बेटे के अंगों को ट्रांसप्लांट करने का निर्णय लिया। अस्पताल के 60 साल के इतिहास में पहली बार अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर अरविंद खरे ने बताया कि जेएलएन अस्पताल को लगभग 60 साल हो चुके हैं, और अपने 60 साल के इतिहास में पहली बार, अस्पताल ने ऑर्गन्स ट्रांसप्लांट के लिए ऑर्गन्स निकालने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। यह अस्पताल के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। ऑर्गन डोनेशन को लेकर डॉक्टर ने कही ये 3 अहम बातें... 1. दिमाग की नस फटने से ब्रेन डेथ हुई मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर अनिल सामरिया ने बताया कि जेएलएन अस्पताल में दुर्गा शंकर गुर्जर की दिमाग की नस फटने से ब्रेन डेथ हो गई थी। जिसके बाकी सारे ऑर्गन्स काम कर रहे थे। अस्पताल ने परिवार को प्रेरित किया और वे तुरंत इस पुण्य कार्य के लिए राजी हो गए। 2. 3 लोगों को नया जीवन दान दिया अनिल सामरिया ने बताया- ऑर्गन्स ट्रांसप्लांट की एक ऑनलाइन प्रक्रिया की गई, जिसमें लंग्स, लिवर और किडनी के लिए एसएमएस को लोड किया गया, और हार्ट को चेन्नई ट्रांसफर करने की प्रक्रिया हुई। आज सुबह भी फंक्शंस ऑर्गन्स के चेक किए गए और बीमारियां चेक की गई। हालांकि, लंग्स चेक करने पर कमजोर होने पर उसे छोड़ दिया गया। 3. हार्ट को ट्रांसफर नहीं किया जा सका हार्ट को चेन्नई ट्रांसप्लांट करने का प्रोग्राम था, लेकिन कुछ टेस्ट करने के बाद उसे कैंसिल कर दिया गया है। चेन्नई की दूरी ज्यादा होने के कारण हार्ट को ट्रांसफर नहीं किया जा सका। आखिर में लिवर और दो किडनी ट्रांसफर किए गए।
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