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    गाजीपुर में पूर्व विधायक अवधेश राय का अंतिम संस्कार:1942 में शहीद हुए नारायण राय के बेटे थे, नेहरू ने 2 माह की उम्र में गोद में लिया था

    2 hours ago

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    गाजीपुर के पूर्व विधायक और शहीद नारायण राय के पुत्र अवधेश राय शास्त्री का मंगलवार को निधन हो गया। आज उनके शहर स्थित आवास से निकली शव यात्रा में कांग्रेस समेत विभिन्न दलों के नेता शामिल हुए। मार्च 1942 में जन्मे शास्त्री ग्राम शेरपुर कला के निवासी थे। वे कांग्रेस पार्टी के आजीवन सदस्य रहे। 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के गाजीपुर दौरे के दौरान शहीद परिवार के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कांग्रेस ने उन्हें दिलदारनगर विधानसभा से टिकट दिया। उन्होंने चुनाव जीतकर 1989 तक विधायक के रूप में सेवा की। शास्त्री शहीद संस्मरण इंटर कॉलेज, शेरपुर के प्रबंधक भी रहे। वे एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ जनसेवक के रूप में जाने जाते थे। उनके परिवार में पत्नी उमा देवी और दो पुत्र- अधिवक्ता राजेश कुमार राय और इंजीनियर बृजेश राय हैं। अंतिम संस्कार में कांग्रेस कमेटी के प्रदेश सचिव फ़साहत हुसैन, जिला अध्यक्ष सुनील राम और भाजपा जिला अध्यक्ष ओम प्रकाश राय समेत कई नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। उनका अंतिम संस्कार आज गाजीपुर श्मशान घाट पर किया गया। 18 अगस्त 1942 को मुहम्मदाबाद तहसील मुख्यालय पर एक ऐतिहासिक घटना हुई। भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान शिवपूजन राय के नेतृत्व में शेरपुर के आठ स्वतंत्रता सेनानी तहसील पर लगे अंग्रेजी झंडे को उतारकर तिरंगा फहराने पहुंचे। अंग्रेज सिपाहियों ने इन देशभक्तों पर गोलियां चला दीं। एक-एक कर आठों वीर शहीद हो गए, लेकिन उन्होंने तिरंगे को नीचे नहीं गिरने दिया। इन शहीदों में नारायण राय भी शामिल थे, जो अवधेश राय शास्त्री के पिता थे। बताया जाता है कि इस घटना की जानकारी मिलते ही जवाहरलाल नेहरू शेरपुर पहुंचे और शहीद परिवारों से मिले। उस समय अवधेश राय शास्त्री मात्र दो माह के थे। नेहरू ने उन्हें गोद में लेकर कहा था कि यह बच्चा शहीदों का नाम रोशन करेगा। बाद में अवधेश राय शास्त्री विधायक बने और अपने पिता के सपनों को साकार किया।
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