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    India-China Relation | सीमा विवाद संबंधों को न करे परिभाषित! चीनी राजदूत बोले- भारत संग सहयोग की अपार संभावनाएँ

    3 hours from now

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    भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग (Xu Feihong ) ने कहा कि उतार-चढ़ाव के बावजूद, चीन-भारत संबंध "मैत्रीपूर्ण सहयोग द्वारा परिभाषित" रहे हैं और उन्होंने संवाद, व्यापार और आदान-प्रदान को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। अमेरिकी प्रशासन की व्यापार और टैरिफ नीतियों के वैश्विक प्रभाव की पृष्ठभूमि में, चीनी राजदूत शू फेइहोंग ने मंगलवार को कहा कि भारत और चीन को वैश्विक दक्षिण के हितों की रक्षा करते हुए संयुक्त रूप से आधिपत्य और "टैरिफ और व्यापार युद्धों" का विरोध करना चाहिए।चीन और भारत को वर्चस्व, शक्ति-केंद्रित राजनीति चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने कहा कि चीन और भारत को वर्चस्व, शक्ति-केंद्रित राजनीति और किसी भी प्रकार के शुल्क और व्यापार युद्धों का दृढ़ता से विरोध करना चाहिए। उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय की जब ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर शुल्क दोगुना कर 50 प्रतिशत किए जाने के बाद भारत और अमेरिका के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं। एक कार्यक्रम में संबोधन के दौरान राजदूत ने भारत-चीन संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए चार सूत्रीय दृष्टिकोण का प्रस्ताव रखा, जिसमें आपसी सम्मान और विश्वास की भावना के साथ एक-दूसरे के साथ तालमेल बिठाने का ‘सही तरीका’ खोजने की बात शामिल है।इसे भी पढ़ें: Turkey ने UN में फिर छेड़ा कश्मीर राग! राष्ट्रपति एर्दोगन की पाकपरस्ती ने बढ़ाई भारत की चिंता चीन और भारत सीमा विवाद  शू ने कहा कि दोनों देशों को सीमा विवाद से वर्तमान भारत-चीन संबंधों को परिभाषित नहीं होने देना चाहिए और द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाया जाना चाहिए क्योंकि इसमें ‘अपार संभावनाएं’ हैं। कार्यक्रम में चीन की स्थापना की 76वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिए अपने भाषण में शू ने कहा कि भारत और चीन के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे “वर्चस्व, शक्ति केंद्रित राजनीति और किसी भी प्रकार के शुल्क तथा व्यापार युद्धों” का मिलकर विरोध करें, वैश्विक दक्षिण के साझा हितों की रक्षा करें और मानवता के लिए साझा भविष्य वाले समुदाय का निर्माण करें।इसे भी पढ़ें: भारत के लगातार इनकार के बावजूद ट्रंप के मंत्री मार्को रुबियो का दावा, ट्रंप ने सुलझाया भारत-पाकिस्तान संघर्ष राजदूत की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच चीन के तिआनजिन शहर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के इतर हुई बातचीत को तीन सप्ताह से अधिक हो चुके हैं।
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