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    India-US Relation | भारत पर क्यों लगे रूसी तेल खरीद के लिए अतिरिक्त शुल्क? अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो ने ट्रंप के फैसले के पीछे की वजह बताई

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    अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि वाशिंगटन रूसी तेल आयात से जुड़े प्रतिबंधों को लेकर भारत के साथ तनाव को "समाधान" करने की उम्मीद करता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर बोलते हुए, मार्को रुबियो ने भारत की ख़रीद और यूरोप की रूसी ऊर्जा पर निरंतर निर्भरता के बीच अंतर स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, "इस समय यूरोप में कुछ देश रूस से भारी मात्रा में तेल और गैस खरीद रहे हैं, जो बेतुका है। वे अमेरिका से रूस पर और प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन वे पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। यूरोप को और ज़्यादा करने की ज़रूरत है।"भारत, अमेरिका का बहुत करीबी साझेदार  अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि भारत, अमेरिका का बहुत करीबी साझेदार है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ उठाए गए कदमों के तहत रूसी तेल की खरीद को लेकर नयी दिल्ली पर अतिरिक्त शुल्क (टैरिफ) लगाए हैं। रूबियो ने यह टिप्पणी ‘गुड मॉर्निंग अमेरिका’ को दिए एक साक्षात्कार में की।इसे भी पढ़ें: Turkey ने UN में फिर छेड़ा कश्मीर राग! राष्ट्रपति एर्दोगन की पाकपरस्ती ने बढ़ाई भारत की चिंता उनसे पूछा गया था कि ट्रंप ने बार-बार पुतिन के खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी है लेकिन उन धमकियों से पीछे हट गए हैं, तो यूक्रेन पर हमले तेज करने वाले रूसी नेता को ट्रंप और कितना समय देने वाले हैं। इस पर रुबियो ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि उन्होंने कार्रवाई की है। उदाहरण के लिए हमने भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाए हैं जबकि वे हमारे बहुत करीबी साझेदार हैंऔर कल ही उनसे फिर बैठक हुई। यह सब उनके रूसी तेल की खरीद से जुड़ा है।’’ भारत पर अतिरिक्त शुल्क लगाए जब यह पूछा गया कि ट्रंप ने रूस पर सीधे कोई कार्रवाई नहीं की है, तो रुबियो ने अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम के विधेयक का जिक्र किया, जो ‘‘रूस से तेल और गैस खरीदने पर भारत और चीन पर शुल्क लगाने’’ से संबंधित था। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि राष्ट्रपति ने यूरोप से भी आगे आने का आह्वान किया है। यूरोप के कई देश अब भी रूस से बड़ी मात्रा में प्राकृतिक गैस और तेल खरीद रहे हैं, जो सीधे तौर पर युद्ध को ईंधन दे रहा है।इसे भी पढ़ें: भारत से जुड़ी अमेरिकी नीति में बदलाव पर भारतीय समुदाय की चुप्पी आश्चर्यजनक: थरूरराष्ट्रपति ने हमें सुरक्षा गारंटी पर काम करने का भी निर्देश दिया है और हमने इस पर काफी प्रगति की है।’’ उन्होंने कहा कि ट्रंप और पुतिन के बीच अलास्का शिखर सम्मेलन के तुरंत बाद यूरोपीय नेता वाशिंगटन आए थे। रुबियो ने कहा, ‘‘हम इस बात पर सहमत हुए कि संघर्ष खत्म होने के बाद यूक्रेन के भविष्य के लिए सुरक्षा गारंटी पर काम करेंगे। हमने उसके लिए रूपरेखा तैयार करने में उल्लेखनीय प्रगति की है।’’ रुबियो ने सोमवार सुबह यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय 80वें सत्र के इतर विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की थी।
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