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    KGMU में तड़के 4 बजे तक चला डॉक्टरों का प्रदर्शन:कुलपति से वार्ता की बात पर माने, रात भर मरीजों के इलाज पर रहा संकट

    4 hours ago

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    KGMU ट्रॉमा सेंटर में नर्सिंग अधिकारी और जूनियर डॉक्टरों के बीच की झड़प अब बड़ा विवाद बन गया है। शनिवार देर रात ऑर्थो OT के बाहर हुई घटना के बाद सोमवार को दोनों पक्ष से बड़ी संख्या में लोग जुटे और जमकर नारेबाजी हुई। इस बीच किसी तरह KGMU प्रशासन की दखल के बाद जैसे ही दोनों पक्ष को शांत कराया गया। कुछ ही देर बाद 4 जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों के सस्पेंशन का आदेश आ गया। इसके बाद फिर से भड़के रेजिडेंट डॉक्टरों ने ट्रॉमा सेंटर परिसर के अंदर जमकर प्रदर्शन किया। रात 10 बजे के करीब शुरू हुए प्रदर्शन सुबह तड़के 4 बजे तक जारी रहा। इसके बाद कुलपति से 11 बजे वार्ता की बात पर किसी तरह धरना खत्म हुआ। इस दौरान इलाज के लिए आने वाले गंभीर मरीजों को विषम संकट का सामना करना पड़ा। जबरदस्त हंगामे और अफरा तफरी के माहौल के बीच किसी तरह बमुश्किल भर्ती मरीजों को ही इलाज मिल सका। इससे पहले दिन में प्रदर्शन और नारेबाजी के बीच दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए थे। जिसके बाद माहौल लगभग बेकाबू नजर आने लगा था। बाद में किसी तरह पुलिस बल की मौजूदगी में विश्वविद्यालय प्रशासन ने हालात को शांत किया था। अब सिलसिलेवार पढ़िए घटनाक्रम... पहले नर्सिंग स्टाफ ने शुरू किया धरना नर्सिंग स्टाफ ने आज दोपहर करीब 2 बजे रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ ट्रॉमा सेंटर के ग्राउंड फ्लोर स्थित ट्राइज हॉल में प्रदर्शन शुरू किया। धरना दे रहे नर्सिंग स्टाफ के शुभम राव ने बताया कि 20 सितंबर की रात दारू के नशे में रेजिडेंट डॉक्टरों ने ड्यूटी के दौरान मेरे साथ मारपीट की। अभी तक यूनिवर्सिटी प्रशासन के द्वारा कोई भी कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में धरना देने के अलावा और हमारे पास कोई ऑप्शन नहीं बचा है। शुभम ने कहा कि घटना के बाद मैंने खुद से पुलिस को तहरीर देकर दोषी 9 रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है। इनमें रेजिडेंट डॉक्टर अश्विन, आयुष, निखिल, अंकित वर्मा, अमित शर्मा, सतीश, दीपक छाबरा, देवेंद्र, प्रेम शामिल हैं। पुलिस ने जांच के आधार पर कार्रवाई करने की बात कही है। घटना के 72 घंटे से ज्यादा हो जाने के बाद भी KGMU प्रशासन ने कोई एक्शन नहीं लिया है। शाम 5 बजे से रेजिडेंट डॉक्टरों ने शुरू किया प्रदर्शन नर्सिंग स्टाफ ट्रॉमा सेंटर के अंदर प्रदर्शन कर रहे हैं। शाम करीब पांच बजे रेजिडेंट डॉक्टर गेट नंबर 2 से नारेबाजी करते हुए ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। नर्सिंग स्टाफ की गुंडागर्दी नहीं चलेगी के नारे लगाने लगे। नर्सिंग स्टाफ और रेजिडेंट डॉक्टर आमने-सामने आ गए। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और सुरक्षाकर्मियों ने ट्रॉमा सेंटर का गेट बंद कर दिया। इसके बाद से नर्सिंग स्टाफ अंदर और रेजिडेंट डॉक्टर बाहर प्रदर्शन करने लगे। KGMU प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने रेजिडेंट डॉक्टरों को 24 घंटे में मुकदमा खत्म कराने का आश्वासन दिया। अब पढ़िए दोनों पक्षों का आरोप... नर्सिंग स्टाफ ने रेजिडेंट डॉक्टरों पर लगाए गंभीर आरोप पुलिस को दी गई तहरीर में नर्सिंग स्टाफ शुभम ने लिखा कि 20 सितंबर की रात रेजिडेंट डॉक्टरों ने मेरे साथ गली-गलौज और मारपीट की। इन सभी लोगों ने शराब पी रखी थी। ये लोग आये दिन शराब पीकर गाली-गलौज और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं। हर शनिवार ये लोग शराब पीकर ड्यूटी आते हैं। अभद्र भाषा का प्रयोग करते है। 20 सितंबर को नाइट ड्यूटी के दौरान नर्सिंग स्टाफ रूम में पानी पी रहा था। यह सभी लोग नशे में आकर अचानक मेरे ऊपर हमला कर दिया। इतने लोगो को देखकर मैं डर गया। मुझे मारा पीटा गया और गाली दी गईं। जान से मारने की धमकी दी गई। मैं अपने घर से 1000 किलोमीटर दूर रहता हूं। ऐसे मैं मुझे इनसे खतरा बना रहता है। मुझे ये भी धमकी दी गई है कि अगर मैंने कहीं शिकायत की तो बाहर देख लेंगे। मेरी सोने की चेन और चश्मा मारपीट के दौरान टूट गई। मेरा फोन मेरे सामने ही फेंक दिया गया। मेरे पास कुछ रुपए भी रखे थे, जो निकालने की कोशिश की गई। इस घटनाक्रम में मेरे साथ ड्यूटी पर OT टेक्नीशियन प्रदीप थे, जिन्होंने बीच-बचाव करने की कोशिश की तो उनके साथ भी मारपीट व गाली गलौज की गई। जान से मारने की धमकी दी गई। बीच-बचाव करने में प्रदीप कुमार को भी बांये हाथ में चोट आयी। उनका फोन भी छीनकर फेंक दिया गया, जिससे टूट गया। घटना की वजह से हम ड्यूटी करने में असहज महसूस कर रहे हैं। उस वार्ड में हमारी वापस जाने की हिम्मत नहीं हो रही। रेजिडेंट डॉक्टर की शिकायत पर नर्सिंग स्टाफ पर मुकदमा दर्ज रेजिडेंट डॉक्टर अश्विन ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि 19 सितंबर की रात ट्रॉमा सेंटर में तैनात था। इस दौरान नर्सिंग स्टाफ शुभम को काम करने के लिए कहा, तो उसने कालर पकड़कर मुझे धक्का देकर जमीन पर गिरा दिया। मेरे साथ गाली-गलौज और मारपीट की। जान से मारने की धमकी दी। 20 सितंबर को शुभम ने डॉ. अमित, डॉ. सतीश, डॉ. अंकित, डॉ. अश्विन, डॉ. आयुष और डॉ. सुधांशु के साथ अभद्रता और गाली-गलौज की। उनकी शिकायत पर पुलिस ने शुभम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। दोषियों के रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन के आदेश जारी KGMU प्रवक्ता और डीन पैरामेडिक्स डॉ. केके सिंह ने बताया कि दोषी रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ एक्शन के आदेश दिए गए हैं। कैंपस में ऐसी हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जांच के लिए टीम का गठन हुआ है। पूरी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
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