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    मिस्त्री मम्मी को अम्मा बोलता था, वही मार दिया:कैशियर बेटी बोली- 1 घंटे पहले मां ने हंसकर बात की थी, कन्नौज में डकैती-हत्या की वारदात

    4 hours ago

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    मम्मी ने मुझसे घटना से 1 घंटे पहले ही बात की थी। वो पूछ रही थी, तुमने खाना खाया। दवा खाई कि नहीं, वो मुझसे हंसकर बात कर रही थीं। करीब 5 मिनट बात करने के बाद उन्होंने फोन रख दिया। उसके 1 घंटे बाद मेरे पास एक अनजान नंबर से कॉल आई। मुझे बताया गया, मम्मी की किसी ने हत्या कर दी है। वो मिस्त्री मम्मी को अम्मा बोलता था। उसने ही उनको मार दिया। ये कहना है सुनीता श्रीवास्तव (57) की छोटी बेटी दीया श्रीवास्तव (27) का। कन्नौज में सोमवार को दोपहर करीब 3 बजे आर्यावर्त ग्रामीण बैंक में कैशियर दिया के घर पर डकैती पड़ी थी। उस समय घर पर उसकी मां सुनीता श्रीवास्तव और बड़ी बहन कोमल श्रीवास्तव (30) थी। दीया बैंक गई हुई थी। बता दें, दीया को पिता की मौत के बाद उनकी जगह पर नौकरी मिली थी। बलरामपुर के रहने वाले हैं दोनों आरोपी चाचा-भतीजा घर में टाइल्स लगाने का काम करने वाले चाचा जसवंत और भतीजे पिंटू ने ही डकैती डाली थी। बड़ी बेटी कोमल का कहना है कि इन दोनों ने करीब 8-9 लोगों को घर के अंदर बुला लिया था। वहीं पुलिस इस बात से इंकार कर रही है। पुलिस का कहना है, आरोपियों ने मां-बेटी को डराने के लिए ऐसा बोला था। बता दें, दोनों चाचा-भतीजा बलरामपुर के रहने वाले हैं। कन्नौज में तिर्वा कोतवाली क्षेत्र के फगुआ कस्बे में किराए पर रूम लेकर रहते थे। सुनीता के घर पर दोनों 3 महीने से काम कर रहे थे। दीया बोली- पापा तो पहले ही चले गए थे अब मां भी चली गई छोटी बेटी दीया मां के जाने के बाद से बेहद दुखी है। वहीं बड़ी बेटी कोमल बोलने की हालत में नहीं है। दिया ने बताया, पापा के जाने के बाद मां ने ही हम दोनों को संभाला। दीदी की शादी हम लोगों ने साल 2016 में कन्नौज कोतवाली क्षेत्र के बलनापुर गांव में की थी। लेकिन 4 साल पहले उसका तलाक हो गया था। तब से वो हम लोगों के साथ ही रह रही थी। 28 दिसम्बर साल 2017 को पापा हम लोगों को छोड़कर चले गए। गुरसहायगंज कोतवाली क्षेत्र के जसोदा कस्बे में रोड एक्सीडेंट के दौरान उनकी मौत हो गई थी। पापा आर्यावर्त ग्रामीण बैंक जसोदा में क्लर्क थे। पापा के जाने के बाद मम्मी ने ही हम लोगों को संभाला था। अब उनके जाने के बाद सब अधूरा हो गया है। पापा के जाने के 1 साल बाद मुझे नौकरी मिली थी। टाइल्स लगाने वाला मिस्त्री मां से काफी हिलमिल गया था- दीया दीया ने बताया, टाइल्स लगाने का काम हमारे घर में 3 महीने से चल रहा था। इस दौरान टाइल्स लगाने वाला मिस्त्री मां से काफी हिलमिल गया था। वो मम्मी को अम्मा बोलता था। उन्हें अक्सर बताया करता था कि भगवान की ये मूर्ति इस दिशा में रखो। ये मूर्ति इस दिशा में रखो। तब नहीं पता था वो ही मां का हत्यारा बन जाएगा। हमारे पापा तो पहले ही साथ छोड़ गए, अब मां भी चली गई। मेहंदी घाट पर किया गया सुनीता का अंतिम संस्कार सुनीता के शव का मंगलवार को पोस्टमार्टम कराया गया। दोपहर बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया था। छोटी बेटी दीया शव के साथ मेहंदी घाट तक गई थी। लेकिन लखनऊ में रह रहे दीया के चाचा सुनील श्रीवास्तव ने उसे घाट से वापस लौटा दिया। परिवार के अन्य लोगों ने चिता को आग दी। लेबर-मिस्त्री को जाते हुए पड़ोसी ने देखा सुनीता के घर के ठीक सामने 65 वर्षीय मोहम्मद शमीद का घर है। उन्होंने बताया कि जब लेबर-मिस्त्री सामने वाले घर से बाहर निकले तब वह भी अपने घर से निकल रहे थे। शमीद ने बताया, दोनों ने सुनीता के घर के गेट बंद कर दिए थे। जाते-जाते बोला था- आंटी जी अब बाकी काम कल करेंगे। दोनों बाइक पर बैठकर निकल गए थे। कुछ देर बाद कोमल ने शोर मचाया, तब हमें घटना की जानकारी मिली। दीया ने बताया- हार एक बार भी नहीं पहना वो भी ले गए दीया ने बताया, घर पर डेढ़ से 2 लाख कैश था। काम चल रहा था तो सबका पेमेंट करना था। इस वजह से घर में कैश रखा हुआ था। ज्वैलरी में 4 चूड़ियां थीं, 1 सोने का सेट था, झुमकी थीं, पायल थी, चेन थी, पापा की चेन थी, दीदी की 1 चेन थी, दीदी के कान के थे और 1 हार भी था। जो अभी मम्मी ने बनवाया था लेकिन दीदी वो एक भी बार नहीं पहन पाई। मेरी भी जंजीर थी, वो भी गायब है। पापा की मौत के बाद मम्मी ने मुझे नौकरी दी थी और दीदी के लिए ज्वैलरी बनवाई थी। बता दें, सुनीता और अरविंद की शादी 32 साल पहले हुई थी। मामले को लेकर एसपी बिनोद कुमार का कहना है कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें लगी हुई हैं। जल्द उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। यह खबर भी पढ़ें- आजम खान जेल से बाहर आते ही DSP पर भड़के:23 महीने बाद रिहा होकर रामपुर में घर पहुंचे; बसपा में जाने की अटकलों पर जवाब दिया सपा नेता आजम खान 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हुए। रामपुर में अपने घर पहुंचे तो रास्ते में वे DSP पर नाराज हो गए। आजम खान ने DSP से कहा, मुसाफिरों को पुलिस परेशान कर रही है। यहां पढ़ें पूरी खबर
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