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    प्रयागराज में कर्ण घोड़ा शोभा यात्रा निकली:रामलीला और दशहरा महोत्सव की शुरुआत, डीजे-ढोल और भक्ति गीतों से इलाका गूंजा

    2 hours ago

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    संगम नगरी प्रयागराज में रविवार को पारंपरिक कर्ण घोड़ा शोभा यात्रा धूमधाम से निकाली गई। इस शोभा यात्रा को दशहरा महोत्सव की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि कर्ण घोड़ा भगवान श्रीराम का दूत होता है और रामलीला के प्रारंभ से पहले इसकी यात्रा भक्तों को आयोजन में शामिल होने का आमंत्रण देती है। कर्ण घोड़ा शोभा यात्रा का आयोजन पथरचट्टी रामलीला कमेटी की ओर से किया गया। शोभा यात्रा का शुभारंभ हीवेट रोड स्थित राम मंदिर से हुआ और यह विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए पत्थरचट्टी रामलीला मैदान तक पहुंची। मार्ग में कोठापार्चा, बहादुरगंज, लोकनाथ, ठठेरी बाजार, घंटाघर, जॉनसेन गंज और बादशाही मंडी जैसे प्रमुख इलाकों में शोभायात्रा का भव्य स्वागत किया गया। कर्ण घोड़े को विशेष रूप से फूलों, गजरे, सच्चे गोटे, रत्नों और रंग-बिरंगी लाइटिंग से सजाया गया था। यात्रा के दौरान जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई और श्रद्धालुओं ने आरती उतारी। शोभा यात्रा के रामलीला मैदान पहुंचने पर विधिवत पूजा-अर्चना और आरती के साथ इसे संपन्न किया गया। धार्मिक माहौल को और आकर्षक बनाने के लिए शोभा यात्रा में डीजे, बैंड-बाजा, ढोल-ताशा, डमरू वादक, शहनाई वादक और कलात्मक चौकियों ने भाग लिया। भक्तों के बीच काशी से आए विशेष डमरू वादक मुख्य आकर्षण का केंद्र बने रहे। उनके अनूठे वादन ने पूरे वातावरण को गूंजायमान कर दिया। इस अवसर पर श्रद्धालु भक्ति गीतों पर थिरकते नजर आए। सड़क के दोनों किनारों पर लोगों की भारी भीड़ उमड़ी रही। भक्तों ने कर्ण घोड़े का दर्शन कर जयकारों के साथ आयोजन में अपनी श्रद्धा प्रकट की। पथरचट्टी रामलीला कमेटी ने बताया कि इस शोभा यात्रा के साथ रामलीला महोत्सव की आधिकारिक शुरुआत हो गई है। आने वाले दिनों में रामलीला मैदान में भगवान श्रीराम की लीलाओं का मंचन क्रमवार रूप से किया जाएगा, जो दशहरे तक चलेगा।
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