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    प्रयागराज में नहीं मिला इलाज तो रोने लगे मरीज:ट्रामा सेंटर से लौटाई गईं एंबुलेंस, तड़पते मरीज दूसरे अस्पताल की तरफ रवाना

    2 hours ago

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    प्रयागराज मंडल के सबसे बड़े अस्पताल स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल (एसआरएन) में डॉक्टर कामकाज ठप करके, हड़ताल पर चले जाएं तो लोग इलाज को तरसने लगते हैं। बुधवार को कुछ ऐसा ही नजारा अस्पताल में देखने को मिला। एसआरएन के ट्रॉमा सेंटर पर एम्बुलेंस दर एम्बुलेंस पहुंचती रहीं। लेकिन मरीजों को लौटा दिया गया। कोई तड़पता हुआ वापस भेजा गया तो कोई बेटे काे इलाज न मिल पाने की वजह से वहीं रोने लगा। गंभीर रोगियों को भी ट्रॉमा सेंटर में जाने नहीं दिया गया। नई भर्ती पूरी तरह बंद होने से अफरातफरी के आलम रहे। जूनियर डॉक्टरों का विरोध, आक्रोश सब जानते हैं, ऐसे में प्रशासन के अफसर हों या पुलिस सभी बैकफुट पर नजर आए। 2 तस्वीरें देखिए एमपी से भी आते हैं मरीज यहां तक की जख्मी हालत में पहुंचे मरीजों पर भी तरस नहीं खाया गया। प्रयागराज का यह सबसे बड़ा अस्पताल है। इसे यहां मंडल के सभी जिलों के मरीज आते हैं। यहां तक की मध्य प्रदेश के रीवां तक के मरीज यहीं इलाज को आते हैं। अपने मरीजों का बुरा हाल देख कई तीमारदार तो ट्रॉमा सेंटर के बाहर ही रोने लगे। कुछ प्राइवेट अस्पताल की तरफ अपने मरीज को लेकर भागे। मरीजों को लौटाने का सिलसिला सुबह से शाम तक चला। ट्रॉमा सेंटर के बाहर एम्बुलेंस में बैठीं प्रतापगढ़ की कुसुम देवी के आंसू थम नहीं रहे थे। उनका बेटा एम्बुलेंस में गंभीर हालत में पड़ा था और डॉक्टरों ने इलाज से मना कर दिया था। ढाई घंटे तक ट्रॉमा सेंटर के बाहर एम्बुलेंस पर मरीज को लेकर बैठीं रहीं कि कोई तो तरस खाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। प्रतापगढ़ के शिवम ने बताया कि वह रात से ही परेशान होकर इधर उधर भटक रहे हैं। उन्हें अपने भाई को भर्ती कराना है लेकिन बार बार लौटा दिया जा रहा है। मेजा से आए प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि उन्हें ट्रॉमा सेंटर से लौटा दिया गया। डॉक्टरों ने कहा कि पहले हमारा मामला सुलझेगा उसके बाद इलाज शुरू किया जाएगा। प्रमोद सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक ट्रामा सेंटर के पास मौजूद रहे लेकिन उन्हें उपचार नहीं मिला।
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