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    संरक्षण केंद्र में दिव्यांग हथिनी के 5 साल हुए पूरे:फल और दलिया से बना केक खाया, पैर में चोट लगने पर मथुरा लाई गई थी

    4 hours ago

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    मथुरा के फरह में स्थित हाथी संरक्षण केंद्र में रह रही नेत्रहीन हथिनी आर्या ने मंगलवार को अपनी आजादी के 5 साल पूरा होने का जश्न मनाया। यहां उसकी आजादी की 5 वीं वर्षगांठ के मौके पर उसे फल और हरे चारे की दावत दी गई तो वहीं दलिया से बनाए केक को उसने बड़े चाव से खाया। आर्या को 5 साल पहले 2020 में हाथी संरक्षण केंद्र लाया गया था। पैरों की चोट से थी हथिनी परेशान हथिनी आर्या के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस एलिफेंट हॉस्पिटल कैंपस में हर साल वर्षगांठ मनाई जाती है। 2020 में उत्तर प्रदेश के एक शहर से बचाई गई आर्या पूर्ण रूप से नेत्रहीन, कुपोषित और पैरों में चोट से पीड़ित थी। तब से, वह हाथी अस्पताल परिसर में गहन उपचार प्राप्त कर रही है। जारा के साथ समय गुजारती है आर्या समर्पित देखभाल और संतुलित आहार के साथ 53 वर्षीय आर्या को जिंदगी जीने का दूसरा मौका मिला है। उसका वजन स्थिर है और वह अपनी सबसे करीबी साथी ज़ारा के साथ, जिसने भी हाल ही में पाँच साल पूरे किए हैं अपने पसंदीदा हरे चारे, तरबूज़ और कच्चे केले का आनंद ले रही है। आर्या को मानसून की सैर, ठंडे स्नान और अपनी ज़रूरतों के हिसाब से बनाए गए सुरक्षित आश्रय का आनंद मिलता है। आर्या और ज़ारा की दोस्ती हर गुजरते साल के साथ और भी गहरी हो गई है। उनकी रोज़ की सैर और एक दुसरे का साथ उनके भावनात्मक सुधार को उजागर करता है। बनाया गया दलिया का केक इस उपलब्धि को ध्यान में रखते हुए, टीम ने कच्चे और पके केले, तरबूज, पपीता, सेब, मक्का और ताजे हरे चारे से युक्त फल भोज तैयार किया, जबकि आर्या की 5 वीं रेस्क्यू वर्षगांठ को खुशी और आनंद के साथ मनाने के लिए एक विशेष दलिया का केक भी बनाया गया। वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा ऐसे हर प्रताड़ित जानवर जिसने दर्द और यातनाएं झेली हो उसको जिंदगी जीने का दूसरा मौका मिलना चाहिए। ज़ारा के साथ मिलकर आर्या का हर दिन यह बदलाव, सहानुभूति और विशेषज्ञ देखभाल के प्रभाव को दर्शाता है।
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