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    सिया-राम ने एक दूसरे के नाम की रचाई मेंहदी:राजा दशरथ के यहां पहुंची लग्न, मंगल गीतों पर झूमी महिलाएं

    11 hours ago

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    आगरा में श्रीराम विवाह महोत्सव की तैयारियों ने शहर को राममय कर दिया है। एक ओर जनकपुरी में माता सीता की मेहंदी और महिला संगीत की भक्ति-श्रृंगार से सजी शाम रही, तो दूसरी ओर अयोध्या यानी राजा दशरथ के महल में श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की मेहंदी, हल्दी और लग्न की रस्मों ने सभी को भावविभोर कर दिया। मिथिला और अयोध्या की इन पारंपरिक रस्मों ने शहरवासियों को रामायण काल की स्मृतियों से जोड़ दिया। जनकपुरी में सजी मेहंदी और महिला संगीत की महफिल मंगलवार शाम महाराजा अग्रसेन सेवा सदन में जनकपुरी महिला समिति द्वारा माता सीता के विवाह की मेहंदी रस्म का आयोजन भव्य रूप से हुआ। "सीता मैया आई मेहंदी रचाने बधाई बाज रही..." जैसे भक्ति गीतों से पूरा माहौल राममय हो गया। पालकी में विराजमान माता जानकी स्वरूप को ढोल-नगाड़ों और मंगल गीतों के बीच मंच पर लाया गया। पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाओं ने भक्ति गीतों, लोकनृत्य और डांडिया से सभी का मन मोह लिया। "जनक नंदिनी मेहंदी रस्म ग्रुप", "डांस रानीज़", "सिया सखियाँ" और "लाड़ली सीता जी की मंगल टोली" जैसे ग्रुप्स ने रंगारंग प्रस्तुतियां दीं। राजा जनक की भूमिका में राजेश अग्रवाल और महारानी सुनैना के रूप में अंजू अग्रवाल ने कहा – “मेहंदी केवल श्रृंगार नहीं, यह रामायण से जुड़ा पावन उत्सव है। यह परंपरा नई पीढ़ी को हमारी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ती है। साथ ही उन्होंने कहा कि जैसे एक बेटी के विवाह के लिए सारी रस्मों रिवाज किए जाते है वैसे ही सभी मांगलिक कार्य किए जा रहे हैं। माता सुनयना स्वरूप अंजू अग्रवाल ने कहा यह तो मां सिया की मेंहदी है तो और ही आनंद आ रहा है। राजा दशरथ के महल में रचाई गई श्रीराम और भाइयों के हाथों पर मेहंदी इसी दिन लॉयर्स कॉलोनी स्थित राजा दशरथ (अजय अग्रवाल) के निवास पर श्रीराम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की पारंपरिक विवाह रस्में सम्पन्न हुईं। रानी कौशल्या की भूमिका निभा रहीं कल्पना अग्रवाल और परिवार की अन्य महिलाओं ने मंगल गीतों के बीच चारों स्वरूपों को हल्दी-उबटन और मेहंदी लगाई। वातावरण चौपाइयों से गूंज उठा –“सुनहु सखी, साजन सजीवन्हि, आवहु करहुं सखि मंगल गान। इसके बाद फतेहाबाद रोड स्थित सिग्नेचर रिज़ॉर्ट में राजा जनक का परिवार लग्न लेकर पहुँचा, जहाँ वैदिक मंत्रों और चौपाइयों के साथ विवाह की रस्में निभाई गईं। रामदरबार सी भव्यता, भोज में उमड़ा पूरा शहर लग्न उपरांत राजा दशरथ ने भव्य भोज का आयोजन किया, जिसमें विभिन्न राज्यों के व्यंजनों के साथ अंतरराष्ट्रीय स्वाद भी परोसे गए। विद्युत सज्जा, पुष्पों की सजावट और रामभक्ति के माहौल ने स्थल को अलौकिक बना दिया। तो वहीं सीता की मेंहदी कार्यक्रम के बाद यहां भी भव्य भोज का सभी के लिए आयोजन किया गया। अब अगली तैयारी – श्रीराम की भव्य बारात के स्वागत की है राजा दशरथ स्वरूप अजय अग्रवाल ने कहा – यह केवल आयोजन नहीं, हमारी आस्था और संस्कृति का उत्सव है। सभी शहरवासी श्रीराम की बारात में आमंत्रित हैं।
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