Search…

    Saved articles

    You have not yet added any article to your bookmarks!

    Browse articles

    GDPR Compliance

    We use cookies to ensure you get the best experience on our website. By continuing to use our site, you accept our use of cookies, Privacy Policies, and Terms of Service.

    Top trending News
    bharathunt
    bharathunt

    यूपी के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद का बड़ा आरोप:पिछली सरकारों ने नोट और नौकरी की चोरी की, भास्कर से खास बातचीत में बताया

    2 hours ago

    1

    0

    उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने बलिया में दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की पूर्ववर्ती सरकारों पर गंभीर आरोप लगाए। मंत्री ने कहा कि इन सरकारों में नोट और नौकरी के मामलों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुईं। उन्होंने दैनिक भास्कर द्वारा पूछे गए सभी सवालों का विस्तार से जवाब दिया। सवाल: जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा पश्चिमी यूपी को मिनी पाकिस्तान कहे जाने पर जगद्गुरु अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि योगीराज में मिनी पाकिस्तान कैसे? जवाब: यह पहले से ही था। दुर्भाग्य यह रहा कि भारत भारतीयों का होते हुए भी आक्रमणकारियों के कब्ज़े में चला गया। तक्षशिला, नालंदा, विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालयों में दुनिया पढ़ने आती थी, लेकिन हमारे सीधेपन का फायदा उठाकर आक्रमण किए गए। 750 साल मुगलों और 350 साल अंग्रेजों का शासन रहा। जो जातियां उनसे लड़ीं, वे उजड़ गईं। 577 जातियां अब भी उजड़ी हुई हैं। रामभद्राचार्य का आशय यह है कि यहां रहकर भी कुछ लोग दूसरे देश के लिए गाते हैं। जिन लोगों को राष्ट्रवाद का अर्थ नहीं समझ आया, वे 1947 में देश छोड़कर चले गए। अगर आज भी कोई यहां रहकर दूसरे देश का सोचता है तो उन्हें अपने पूर्वजों से सवाल करना चाहिए कि वे क्यों नहीं गए। अगर भारत में रहना अच्छा नहीं लगता तो यहां से चले जाएं। पड़ोसी मुल्क की हालत देख लीजिए—वहां खाने, इलाज और शिक्षा के लिए त्राहि-त्राहि मची हुई है। यही कुछ लोग चाहते हैं कि भारत में भी वैसा हाल हो। मैं योगी जी और मोदी जी को धन्यवाद दूंगा कि वे बिना भेदभाव सबको देख रहे हैं। सवाल: कुछ भाजपा के लोग भी आप पर निशाना साधते हैं, इसे कैसे देखते हैं? जवाब: यह कोई नई बात नहीं है। बुद्ध को भी उनकी विचारधारा के कारण ज़हर देकर मार दिया गया था। ऐसे तमाम महापुरुष हुए जिन्हें उनके अपने ही लोगों ने साथ नहीं दिया और वे मारे गए—जैसे जमुना निषाद और फूलन देवी। अगर हमें समाज का भला करना है तो पहले अपने घर के लोगों को राजनीति में लाना होगा। जो लोग बसपा-सपा में रहकर पिछली सरकारों में शोषित होते रहे, उन्हें हमने आवाज़ दी। असली पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) हमने खड़ा किया, जबकि फर्जी पीडीए की हवा निकाल दी। लाखों लोग अपने आरक्षण के अधिकारों के लिए आंदोलन में आए। अंग्रेजों, मुगलों, कांग्रेस, सपा और बसपा ने हमेशा दलाल पैदा किए। दलित समाज के नेताओं को तोड़ने और इस्तेमाल करने का इतिहास रहा है—अंबेडकर को खत्म करने के लिए बिहार से जगजीवन राम को खड़ा किया गया। कांशीराम जी ने नारा दिया—“फेंको इन बेइमानों का झंडा, उठाओ संविधान का झंडा।” इसी तरह जब 2017 में मैं आया तो विरोध के लिए भी कई चेहरे खड़े किए गए। लेकिन हमारे समाज ने ठान लिया कि अब दूसरों का झंडा नहीं उठाना है, अपना झंडा उठाना है। जय निषादराज के नारे के साथ हमने 56 फुट की मूर्ति लगवाई, निषादराज का जंगल पर्यटक स्थल घोषित कराया और सदन में 11 विधायकों के साथ अपनी आवाज बुलंद की। जिनका धंधा बंद हो रहा है, वही लोग गालियां दे रहे हैं। अगर मुझे गाली देने से किसी को टिकट या पद मिल जाता है तो मुझे कोई आपत्ति नहीं। हम मर्यादा पुरुषोत्तम राम के अनुयायी हैं और मर्यादा में रहते हुए समाज को आगे ले जाने का काम करेंगे। सवाल: वक्फ कानून के तीन उपबंधों पर सुप्रीम कोर्ट ने स्टे दिया है। आप इसे कैसे देखते हैं? जवाब: मैं सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद करता हूँ। यह फैसला उन लोगों के मुंह पर तमाचा है जिन्होंने कहा था कि मोदी की नीयत मुसलमानों के प्रति ठीक नहीं है। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट बताती है कि हाथी, साइकिल और पंजा का बटन दबाने से गरीबी ही बढ़ी है। जबकि मोदी जी के साथ आने से गरीबों के बच्चों को पढ़ाई और तरक्की का अवसर मिलेगा। इसलिए हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। सवाल: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हिंसा के दौरान सैकड़ों लोग मारे गए, तब प्रधानमंत्री वहां नहीं गए। लेकिन अब वे रोड शो करने गए हैं, यह कहां का राजधर्म है? जवाब: पहले यही लोग कह रहे थे कि प्रधानमंत्री वहां नहीं जा रहे हैं। अब जब वे गए तो इन्हें दर्द हो रहा है। अगर असम भी आत्मनिर्भर और विकसित हो तो इसमें दिक्कत किसे है? प्रधानमंत्री का स्वागत वहां के लोग कर रहे हैं, फिर कांग्रेस, सपा और बसपा को तकलीफ क्यों हो रही है? असल में पिछली सरकारों पर नोट और नौकरी चोरी करने के आरोप हैं। उन्होंने लेदरमैन और मिल्कमैन तक की नौकरियां छीन लीं। जनता ने इन्हें इसी कारण सत्ता से बाहर कर दिया। विपक्ष के सारे आरोप बेबुनियाद हैं।
    Click here to Read more
    Prev Article
    गोरखपुर आएंगे RSS प्रमुख मोहन भागवत:शताब्दी वर्ष समारोह के तहत सामाजिक सद्भाव बैठक को करेंगे संबोधित
    Next Article
    जगद्गुरु रामभद्राचार्य के बयान पर सांसद जियाउर्रहमान बर्क की प्रतिक्रिया:संभल में बोले- इनकी बातों को नजर अंदाज करें, पीछे से कोई विशेष पार्टी बयान दिलवा रही

    Related न्यूज Updates:

    Comments (0)

      Leave a Comment