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    गुरुग्राम बेस्ड मोबिक्विक वॉलेट में 40.22 करोड़ का फ्रॉड:मेवात से 6 आरोपी अरेस्ट; 2500 अकाउंट फ्रीज, कंपनी कर्मचारियों की मिलीभगत की जांच

    14 hours ago

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    गुरुग्राम बेस्ड डिजिटल पेमेंट कंपनी मोबिक्विक वॉलेट में 40 करोड़ से ज्यादा के फ्रॉड में पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने सस्पेक्टेड ट्रांजेक्शन वाले 2500 अकाउंट भी फ्रीज करवाएं हैं।गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पुलिस पूछताछ कर रही है कि उन्होंने इतने बड़े फ्रॉड को किस तरह अंजाम दिया। इस मामले में कंपनी के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत की भी पुलिस जांच कर रही है। जांच अधिकारियों का मानना है कि वॉलेट ट्रांजेक्शन में कंपनी के ही किसी अधिकारी ने लूज हॉल छोड़ दिया, जिसके कारण गलत पिन से भी पैसे ट्रांसफर किए गए। आरोपियों की पहचान पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रेहान निवासी नजदीक बड़ी मस्जिद, गांव रेवासन, थाना रोजका मेव (मेवात), मोहमद सकील पुत्र हाजी याकूब निवासी मकान नंबर 608, थाना उटावड, हटेडा मोहल्ला (पलवल), वकार यूनुस निवासी गांव कामेडा तहसील फिरोजपुर झिरका, थाना सदर फिरोजपुर झिरका (नूंह), वसीम अकरम निवासी गांव मरोड़ा, थाना नगीना ( मेवात), मोहम्मद आमिर निवासी गांव कामेड़ा, थाना फिरोजपुर झिरका (मेवात) व मोहम्मद अंसार निवासी गांव कामेड़ा, थाना फिरोजपुर झिरका (मेवात) के नाम शामिल हैं। लीगल एडवाइजर ने दर्ज करवाई एफआईआर इस संबंध में कंपनी के लीगल एडवाइजर बालकिशन लाधानिया ने सेक्टर 53 थाने में एफआईआर दर्ज करवाई थी। पुलिस को दी शिकायत में उन्होंने बताया कि 12 सितंबर को खातों की जांच करते समय उन्हें कुछ संदिग्ध लेन-देन मिले। जांच में पता चला कि कुछ मोबिक्विक वॉलेट की गड़बड़ी के कारण ग्राहक उसका फायदा उठाते हुए गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। 40.22 करोड़ की हुई धोखाधड़ी उन्होंने बताया कि UPI से कोई ट्रांजैक्शन फेल होता है, तो पैसे दूसरे के खाते में नहीं जाते। तकनीकी गड़बड़ी की वजह से फेल हुई ट्रांजैक्शन का पैसा भी लोगों के खातों में जमा हो रहा था। इसके अलावा कई लोगों के अपने वॉलेट में मौजूद राशि से भी ज्यादा पैसे ट्रांसफर कर रहे थे। इन धोखाधड़ी वाले लेनदेन से कंपनी को कुल ₹40 करोड़ 22 लाख 32 हजार 210 रुपए की धोखाधड़ी हुई। कंपनी के कर्मचारियों की मिलीभगत उन्होंने अपनी शिकायत में कहा है कि यह सब जानबूझकर और धोखे की नीयत से फ्रॉड किया गया। इस संबंध में पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023 की धारा 314 और 318(4) के तहत एफआईआर दर्ज की। हालांकि कंपनी द्वारा अभी जांच चल रही है, जांच में सामने आए तथ्यों के बाद यह रकम बढ़ भी सकती है। मामले की जांच कर रही पुलिस सेक्टर-53 थाना प्रभारी रामबीर सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। कंपनी से संबंधित दस्तावेज और बैंक की जानकारी मांगी गई है। ऐसे किया गया फ्राॅड कंपनी के अधिकारियों के मुताबिक सामान्य रूप से कोई भी MobiKwik कस्टमर UPI के माध्यम से अपने MobiKwik वॉलेट से भुगतान करता है, या QR कोड या QR साउंडबॉक्स स्कैन करके धनराशि ट्रांसफर करता है तो मोबिक्विक पंजीकृत व्यापारियों के खाते में राशि तभी जमा होती है जब ग्राहक का लेन-देन सफल होता है। लेकिन, तकनीकी गड़बड़ी के कारण, कुछ असफल लेन-देन भी व्यापारी के पक्ष में सफल दिखाए जा रहे थे। कुछ मोबिक्विक पंजीकृत व्यापारियों (Merchant) ने इस तकनीकी गड़बड़ी का अनुचित लाभ उठाया और जानबूझकर अपने QR कोड के माध्यम से ऐसे लेन-देन करवाए, जिन्हें असफल दिखाया गया, लेकिन फिर भी उन असफल लेन-देन की राशि भी उनके खातों में जमा हो गई।
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